रायपुर: चुनावी साल होने के साथ ही वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र भी चल रहा है. ऐसे में हर संगठन अपनी मांग सरकार से पूरी करवाने के लिए धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को छत्तीसगढ़ कोटवार एसोसिएशन ने अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर संभाग स्तर पर प्रदर्शन किया. राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर भी एसोसिएशन के लोगों ने प्रदर्शन किया.
"नियमित कर्मचारी का मिले दर्जा": छत्तीसगढ़ कोटवार एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष प्रेम किशोर बाघ का कहना है कि " अपनी मांग को लेकर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से संघर्ष कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ राज्य को बने 23 साल बीत गए हैं. बावजूद इसके कोटवारों के हित में सरकार ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है. कोटवारों को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए."
कोटवारों की सुध नहीं ले रही सरकार: महिला कोटवार परमेश्वरी मानिकपुरी ने बताया कि "सरकार के सभी काम में कोटवार अपनी भागीदारी निभाते हैं. गांव में जाकर जगह जगह मुनादी का काम करना पड़ता है. सरकार ने कोई लाउडस्पीकर या माइक भी नहीं दिया है. मुंह से चिल्ला चिल्ला कर गांव में लोगों को जनकारी देते हैं. इतने कम मानदेय में भी कोटवार मुनादी सहित सरकार के अन्य कार्यक्रमों का संचालन बखूबी कर रहे हैं. लेकिन सरकार इन कोटवारों की कोई सुध नहीं ले रही है."