रायपुर:मोक्षदायिनी एकादशी मोक्ष प्रदान करने में उत्तरोत्तर सहायक होती है. ऐसी एकादशी मोक्षदा एकादशी कहलाती है. यह गीता जयंती के रूप में भी मनाई जाती है. आज के शुभ दिन भगवान कृष्ण को ध्यान में रखकर मेडिटेशन या ध्यान करना कल्याणकारी होता है. इस एकादशी व्रत का पालन करने पर मोक्ष की कामना पूर्ण होती है. मोक्षदायिनी एकादशी 14 दिसंबर को मनाया जाएगा.
Mokshada Ekadashi 2021: 14 दिसंबर को मनाया जाएगा मोक्षदा एकादशी का पर्व, ऐसे करें पूजा
मोक्षदायिनी एकादशी मोक्ष प्रदान करने में उत्तरोत्तर सहायक होती है. ऐसी एकादशी मोक्षदा एकादशी कहलाती है. मोक्षदायिनी एकादशी 14 दिसंबर को मनाया जाएगा. ऐसे करें पूजा...
ऐसी मान्यता है कि यह एकादशी अश्विनी नक्षत्र परिघ योग, अमृत योग ववकरण और मेष राशि के पूर्ण चंद्रमा में मनाई जाएगी. मोक्षदा एकादशी के शुभ दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. प्रातः काल 10:34 के पूर्व भगवान हरी विष्णु और कर्म के उपासक कृष्ण भगवान की पूजा आराधना स्तुति और आरती करना श्रेष्ठ रहेगा. यह एकादशी अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है. जैसे महाग्रंथ की रचना वेदव्यास ने की थी. महाभारत की युद्ध के समय अर्जुन को प्रकाश देने और अर्जुन की आत्मा को जागृत करने के लिए भगवान कृष्ण ने महान उपदेश दिए. इन उपदेशों का महान संकलन गीता ग्रंथ कहलाता है. आज के शुभ दिन गीता के श्लोकों को पढ़ना, जाप करना, अध्ययन करना और मनन करना बहुत शुभ माना गया है.
संपूर्ण जीवन मनुष्य मोक्ष की कामना के लिए भटकता है. इस एकादशी में सहज भाव से ईश्वर के प्रति सात्विक वातावरण में आस्था रखनी चाहिए. क्रोध या तनाव और अप्रियता से बचने का प्रयास करना चाहिए. एकादशी की तिथि 13 दिसंबर सोमवार की रात 9:32 से शुरू हो जाएगी और 14 दिसंबर मंगलवार की रात 11:35 तक शुद्ध तिथि रहेगी. चंद्रमा संपूर्ण दिवस मेष राशि में विद्यमान रहेंगे. मंगल रूचक योग बना रहे. शनि और शुक्र की युति इस एकादशी को और वृद्धि प्रदान कर रही है. आज के शुभ दिन पुसवन, सीमंत, श्रुति, स्नान, प्रवाल और धारण का शुभ मुहूर्त रहता है. प्रातः काल 10:35 से भद्रा का प्रवेश हो जाएगा और रात 11:35 तक यह रहेगा.
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आज के शुभ दिन गीता ग्रंथ का दान करना और विभिन्न ग्रंथों का दान करना बहुत शुभ माना गया है. आज के शुभ दिन कल्याणकारी और और मानवतावादी अनेक कार्य करने चाहिए. रक्तदान गरीबों की मदद दिव्यांगों की सेवा कुष्ठ रोगियों को दान करना. अपंग की सेवा करना बहुत ही शुभ माना गया है. मंगलवार का शुभ दिन होने की वजह से हनुमान चालीसा बजरंग बाण सुंदरकांड पढ़ना भी हितकर रहेगा. संपूर्ण दिवस, विष्णु सहस्त्रनाम और कृष्ण सहस्त्रनाम आदि का पाठ करना श्रेष्ठ माना गया है.