रायपुर: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की गुरू पूर्णिमा इस बार 24 जुलाई (guru purnima) को है. इस दिन गुरू पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाएगी. गुरू पूर्णिमा के दिन व्यास पूजा की जाती है. संन्यासियों का चतुर्मास इस दिन से आरंभ होता है और गुरू दीक्षा गुरू प्रदान करते हैं. गुरू की शरण में शिष्य जाते हैं, उनका आदर सम्मान करते हैं और यथाशक्ति उन्हें भेंट प्रदान करते हैं. गुरू पूर्णिमा पर गुरू पूजा के साथ गुरू मंत्र देने का और नए शिष्यों को दीक्षित करने का विशेष महत्व रहता है.
ऑनलाइन भी दिया जा सकता है गुरू मंत्र
कोरोना काल में गुरू के सानिध्य में उपस्थित ना हो पाने पर उनसे ऑनलाइन संपर्क भी किया जा सकता है. गुरू पूजा के साथ उनके वचनों को सुनने से भी उनकी साधना, आराधना और ईश्वर मार्ग में आगे बढ़ने में सहायता मिलती है. बदलती परिस्थितियों में ऑनलाइन गुरू मंत्र देने का भी चलन सुनने में आ रहा है. गुरू मंत्र देने से पहले उन्हें ये सुनिश्चित करना होता है कि उनकी परंपरा योग्य हाथों में योग्य शिष्यों के पास ही रहे, इसलिए गुरू मंत्र को कान में फूंककर देने का प्रावधान सनातन परंपरा में है.