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बच्चों को कोरोना से बचाने इन बातों का रखें विशेष ध्यान - Pediatrician Ashok Bhattar interview

बड़ों को कोरोना होने पर उसके लक्षण आसानी से पता चल रहे हैं. लेकिन छोटे बच्चों में कोरोना के लक्षण आसानी से पता नहीं चल पा रहे हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ अशोक भट्टर ने इस मामले में ETV भारत से बात की और बताया कि कैसे बच्चों को कोरोना से बचाया जा सकता है.

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शिशु रोग विशेषज्ञ अशोक भट्टर से ETV भारत की खास बातचीत

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Published : Apr 6, 2021, 9:32 AM IST

Updated : Apr 7, 2021, 9:32 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है. इससे बुजुर्ग, जवान, बच्चे कोई भी अछूता नहीं है. यही कारण है कि अब उन लोगों की चिंता बढ़ गई है. जिनके घर में छोटे बच्चे हैं. बच्चों के परिजन कोरोना से अपने बच्चों को बचाने को लेकर चिंतित हैं.

आइए जानने कि कोशिश करते हैं कि आखिर ऐसे कौन से उपाय हैं जिससे बच्चे को कोरोना से बचाया जा सकता है या फिर बच्चों में कोरोना के लक्षणों की किस तरीके से पहचान की जा सकती है. इतना ही नहीं यदि बच्चे को कोरोना हो भी जाता है तो उस दौरान माता-पिता को क्या करना चाहिए.

शिशु रोग विशेषज्ञ अशोक भट्टर से ETV भारत की खास बातचीत
इस विषय पर ETV भारत ने शिशु रोग विशेषज्ञ अशोक भट्टर से विस्तार से चर्चा की.


सवाल : बच्चों में कोरोना के किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं ?

जवाब : बच्चों में भी बड़ों की तरह लक्षण देखने को मिलते हैं. जैसे बुखार, सर्दी, खांसी के साथ ही पेट दर्द और लूज मोशन भी कोरोना के लक्षण को प्रकट करता है. यदि बहुत छोटा बच्चा है तो वह हाथ पैर में दर्द को नहीं बता पाएगा लेकिन वह ज्यादा देर तक रोने लगे तो ये भी कोरोना के लक्ष्ण हो सकते हैं.

सवाल : यदि बच्चा ज्यादा छोटा है ओर वह लगातार रोता है तो ऐसे में किस तरह पता किया जाए कि उसमें कोरोना के लक्ष्ण है.

जवाब : यदि बच्चा बुखार के साथ ज्यादा रो रहा है. आहार लेने के बाद भी रो रहा है या फिर आहार बिल्कुल नहीं लेना चाहता. ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि बच्चे में कुछ ना कुछ असामान्य बात है. ऐसी परिस्थिति में तत्काल बच्चे को डॉक्टर को दिखा कर उनसे सलाह लेनी चाहिए. साथ ही इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि यदि परिवार में किसी को भी कोरोना है या साधारण सर्दी जुकाम भी है तो बच्चों को उनसे दूर रखें और तुरंत डॉक्टर को दिखाए.

सवाल: यदि परिवार में किसी को कोरोना है तो उसे बच्चे को बचाने किस तरह के उपाय बच्चे के माता-पिता को करना चाहिए ?

जवाब : अभी भी कोरोना टेस्ट कराने से लोग डर रहे हैं. इसमें डरने की कोई बात नहीं है. यदि समय पर कोरोना टेस्ट कराया जाए तो बेहतर उपचार किया जा सकता है. इसलिए बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी कोरोना टेस्ट तत्काल कराना चाहिए.

सवाल : बच्चों में सर्दी जुकाम आम बात है. इसे माता-पिता वायरल के रूप में देखते हैं इस वजह से दो-तीन दिन तक बच्चे की बीमारी को हल्के में ले लेते हैं. क्या इस वजह से बच्चे पर कोरोना का खतरा बढ़ सकता है ?

जवाब: यदि परिवार का कोई सदस्य या बच्चा भीड़-भाड़ वाली जगह पर नहीं गया है. लोगों से दूरियां बना कर रखा है. किसी के संपर्क में नहीं आया है. ऐसी परिस्थिति में बच्चे को सर्दी जुकाम होता है तो 2 दिन तक कोरोना टेस्ट कराने इंतजार किया जा सकता है. लेकिन माता-पिता या बच्चा भीड़-भाड़ वाली जगह सहित अन्य जगहों पर गए हैं या फिर कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने पर तत्काल उसका कोरोना टेस्ट कराया जाना चाहिए.

सवाल : यदि बच्चों को कोरोना होता है तो उस स्थिति में बच्चे का ख्याल किस तरीके से रखा जा सकता है ?

जवाब : यदि बच्चे को सर्दी खांसी और बुखार है तो तत्काल बच्चे का टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए. यदि बच्चा असामान्य रूप से सुस्त हो रहा है. उसकी श्वास गति बढ़ रही है. ऑक्सीजन का लेवल 95 से नीचे आ रहा है तो ऐसी स्थिति में बच्चे को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

सवाल : फीवर और ऑक्सीजन लेवल नापने के लिए कई घरों में टूल्स नहीं होते हैं ऐसी परिस्थिति में बच्चों के परिजन क्या करें ?

जवाब : इस पर डॉ अशोक भट्टर ने सभी को सलाह दी है कि हर घर में आज के समय में पल्स ऑक्सीमीटर होना ही चाहिए. जिससे समय रहते कोरोना के लक्षण की पहचान की जा सके. यदि पल्स ऑक्सीमीटर नहीं है और बच्चे को बार-बार बुखार सर्दी खांसी आ रही है तो उसका तत्काल कोरोना टेस्ट करा कर डॉक्टर से उचित सलाह लेनी चाहिए.

सवाल: ऐसे कौन से उपाय हैं जिससे बच्चे को कोरोना से बचाया जा सकता है ?

जवाब :यदि परिवार में किसी को कोरोना है तो बच्चों को उनसे बचना चाहिए. भीड़-भाड़ वाली जगह से बचना चाहिए. जितना ज्यादा हो सके बच्चे को घर में रखना चाहिए. बच्चे के आहार पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्हें पौष्टिक आहार देना चाहिए.

डॉ अशोक भट्टर की बातों से आप समझ ही गए होंगे कि कोरोना से बच्चों को कैसे बचाना है और यदि उन्हें कोरोना हो भी जाए तो उनका किस तरह से ख्याल रखना है. भट्टर की माने तो कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. बल्कि थोड़ा सा सावधान रहने की जरूरत है. यदि सावधानी बरती जाएगी तो बच्चों को कोरोना होने से बचाया जा सकता है.

कोरोना महाविस्फोट: 7302 नये मरीज, 38 लोगों की मौत

कोरोना ने डराया

छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात अब बेकाबू होते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 7302 नये मरीज मिले हैं. सोमवार को 38 लोगों की मौत भी हुई है. अब कुल एक्टिव केस 44296 हो गए हैं.

रायपुर में कोरोना बेकाबू

राजधानी रायपुर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. सोमवार को अकेले रायपुर जिले में ही 1702 नए कोरोना मरीज मिले हैं. रायपुर में कोरोना मरीजों की मौत की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. 24 घंटे में 20 लोगों की जान गई है.

5 अप्रैल के आंकड़े-

नए केस 7302
कुल एक्टिव केस 44296
अबतक कुल पॉजिटिव 376348
सोमवार को डिस्चार्ज/रिकवर्ड 1,228
अबतक कुल डिस्चार्ज/रिकवर्ड 327689
सोमवार को हुई मौत 38
अबतक कुल मौत 4363

इन 5 जिलों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस-

जिला नए केस कुल एक्टिव केस
दुर्ग 1169 12589
रायपुर 1702 10775
राजनांदगांव 893 3701
बिलासपुर 467 2291
बेमेतरा 335 1746
Last Updated : Apr 7, 2021, 9:32 PM IST

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