रायपुर: अंगदान से कई लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है. इसे जीवित और मृत व्यक्ति दोनों ही कर सकते हैं. दान किए गए अंग को जरूरतमंद के शरीर में ट्रांसप्लांट कर उन्हें नया जीवन दिया जा सकता है. इस तरह एक व्यक्ति अपने अंग को दान कर कई लोगों को जीवन दे सकता है. लेकिन अंगदान को लेकर अभी भी समाज में पुरानी सोच है जिसे बदलने की जरूरत है. अंगदान करने की उम्र सीमा भी होती है. 18 साल का कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थ है, वह अंगदान कर सकता है.
ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए कानून :अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए परमिशन की जरूरत होती है. जो नियम कानून के तहत दी जाती है. अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट में कई तरह की कानूनी अड़चनें भी थीं. जिन्हें अब दूर किया जा रहा है. अब सभी ऑर्गन डोनेट करने के लिए कानून बन गया है.
सिंहदेव ने बताया कि दो तरह से ऑर्गन डोनेट किया जाता है. जीवित अवस्था में और मरने के बाद अंगदान होता है.अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक सालभर में लगभग 250 से 300 मरीजों को अंगदान की जरूरत पड़ती है. कागजी कार्रवाई की वजह से प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है. जिससे सालभर में 100 लोगों को ही ऑर्गेन ट्रांसप्लांट का लाभ मिल पा रहा है. इनमें भी ज्यादातर किडनी के मरीज होते हैं. डोनेट किए गए अंगों को रखने के लिए पर्याप्त मशीन और संसाधन भी उपलब्ध हैं. रायपुर के डीकेएस अस्पताल में डोनेट ऑर्गन को रखने के लिए सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं. पहले यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी.
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