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जानिए खरमास पर किन बातों का रखें ध्यान, 14 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा खरमास - जानिए खरमास पर किन बातों का रखें ध्यान

14 मार्च से खरमास की शुरूआत हो रही है. खरमास के महीने में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. क्या करना चाहिए इसे जान लें.

worship before Kharmas
खरमास महीने का महत्व

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Published : Mar 12, 2022, 12:03 AM IST

Updated : Mar 12, 2022, 9:06 AM IST

रायपुर: 14 मार्च को सूर्य का आगमन बृहस्पति की राशि मीन राशि में होने जा रहा है इसलिए 14 अप्रैल तक सभी तरह के विवाह मांगलिक कार्य नवीन गृह प्रवेश नवीन व्यापार प्रारंभ पूर्णता निषेध रहेंगे. इसी समय में नवरात्रि का पावन पर्व भी आ रहा है. यह मास खरमास के रूप में जाना जाता है. इस मास में हवन, मुंडन, नामकरण, नवीन व्यापार और वधू प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं .खरमास में श्री हरि विष्णु की पूजा, सूर्य दर्शन, सूर्य नमस्कार, सूर्य की आराधना, आदित्य हृदय स्रोत, सूर्य सहस्त्रनाम, श्री गायत्री मंत्र, सूर्य चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. संपूर्ण महीने में सूर्य को श्रद्धापूर्वक जल्दी जल चढ़ाने का विधान है. प्रातः काल उठकर पूर्व की ओर मुख करके सूर्य को तांबे के पात्र से जल चढ़ाया जाता है. साथ ही इस महीने में सूर्य नमस्कार के आसनों का अभ्यास करने से शरीर लचीला सुगठित और बलवान होता है.

खरमास महीने का महत्व
खरमास, भगवान विष्णु और सूर्य की उपासना का महीना माना जाता हैयह संपूर्ण महीना श्री हरि विष्णु और सूर्य की पूजा के लिए जाना जाता है. इस महीने में विष्णु सहस्रनाम विष्णु, चालीसा लक्ष्मी जी की पूजा गीता के श्लोकों का अध्ययन करना बहुत ही पवित्र माना गया है. मीन राशि गुरु की राशि मानी जाती है. जब कभी भी सूर्य का आगमन गुरु की राशि में होता है तब खरमास लगता है. यह वर्ष में दो बार होता है प्रथम 15 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच और दूसरा 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच रहता है.



अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 तक विवाह के मुहूर्त
अप्रैल 2022 के महीने में विवाह मुहूर्त 16 अप्रैल, 20 अप्रैल, 21 अप्रैल, 23 अप्रैल, 24 अप्रैल, 27 अप्रैल और 28 अप्रैल को है. मई महीने में अक्षय तृतीया जैसा अबूझ मुहूर्त पड़ रहा है. यह परशुराम जयंती केदारनाथ यात्रा के प्रारंभ होने के पर्व के रूप में भी जाना जाता है. अक्षय तृतीया का मुहूर्त विवाह हेतु सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. आज के दिन किया गया कोई भी कार्य शुभ होता है मांगलिक और विवाह कार्य तो विशेष रूप से सफल होते हैं. आज के दिन पूरे भारतवर्ष में सर्वाधिक शादियां होती है. 2 मई, 3 मई, 9 मई, 10 मई, 11 मई, 15 मई, 18 मई, 20 और 21 मई, 26 मई, 27 मई और 31 मई विवाह के लिए विशेष मुहूर्त हैं. जून महीने में विवाह मुहूर्त 1 जून, 6 जून, 8 जून, 10 जून, 11 जून, 13 जून, 20 जून, 21 जून, 23 जून, 24 जून विवाह के लिए बहुत ही पवित्र माने गए हैं जुलाई के महीने में विवाह मुहूर्त 3 जुलाई, 4 जुलाई, 7 जुलाई, 8 जुलाई और 9 जुलाई इसके उपरांत देवशयनी एकादशी और दक्षिणायन लगने पर विवाह और मांगलिक कार्यों पर फिर एक बार रोक लग जाएगी.

Last Updated : Mar 12, 2022, 9:06 AM IST

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