रायपुर: राजधानी रायपुर का एक ऐसा थाना है जो अभी तक आपातकालीन सेवा डायल 112 से दूर है, जबकि बढ़ते अपराध और जनसंख्या को देखते हुए आपातकालीन सेवा के लिए डायल 112 हर थाने के लिए जरूरी है. खमारडीह थाने को बने लगभग 1 साल हो गया है. इसके पहले यह चौकी थी. डायल 112 की सुविधा से न जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई सूचना देनी होती है तो लोगों को सीधे थाना जाना पड़ता है. पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि यह थाना डायल 112 से नहीं जुड़ा है, इसके लिए पत्राचार करने की बात कही है.
रायपुर: डायल 112 की सुविधा से नहीं जुड़ पाया राजधानी का यह थाना - police emergency service in raipur
खमारडीह थाने को बने लगभग 1 साल हो गया है, लेकिन डायल 112 की सुविधा से ना जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई सूचना देनी होती है तो लोगों को सीधे थाना जाना पड़ता है.
112 आपातसेवा डायल
राजधानी के शहरी और आउटर के इलाकों में कुल 33 थाने हैं. इनमें से एक थाने को छोड़ दें तो सभी जगहों के थानों में डायल 112 की 2-2 गाड़ियां चल रही हैं. इसका मुख्य फायदा आम लोगों को कुछ इस तरह से मिलता है, किसी भी घटना या दुर्घटना होने के बाद लगभग 15 मिनट के अंदर मौके पर डायल 112 की गाड़ी में पुलिस का एक जवान मौके पर पहुंच जाता है और लोगों को इस तरह से मदद मिल पाती है.