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Khairagarh assembly by election: एक बार फिर चला सीएम भूपेश बघेल का दांव, बीजेपी चारों खाने हुई चित

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Published : Apr 16, 2022, 11:46 PM IST

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी. लेकिन इस जीत की असली वजह सीएम भूपेश बघेल के उस वादे को माना जा रहा है. जिस पर खैरागढ़ की जनता ने मुहर लगाई. वह था खैरागढ़ को जिला बनाने का वादा. राजनीतिक जानकार इसे कांग्रेस के लिए बड़ी जीत मान रहे हैं.

Khairagarh assembly by election
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव

रायपुर: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने जीत हासिल कर ली है. वर्मा ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी कोमल जंघेल को 20 हजार से अधिक मतों से मात दी. राजनीति के जानकार मानते हैं कि, इस चुनाव में भी मतदाताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के काम पर मुहर लगाई है. राजनीतिक प्रेक्षक यह भी मानते हैं कि कांग्रेस द्वारा खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा ने मास्टर स्ट्रोक का काम किया है.

बीजेपी चारों खाने हुई चित
बीजेपी हुई चारों खाने चित: राजनीतिक के जानकार वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा के अनुसार इस उपचुनाव में कांग्रेस के दांव ने भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों को चित कर दिया. कांग्रेस ने जब अपनी घोषणा पत्र में खैरागढ़ को जिला बनाने की बात कही , तब मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस दांव का कोई काट नहीं ढूंढा. भाजपा नेताओं के जीत का पूर्वानुमान विफल साबित हुआ . वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा मानते हैं कि, इस जीत से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला और बढ़ेगा. जिसका असर संगठनात्मक आयोजनों में भी दिखेगा.

खैरागढ़ को जिला बनाने की सीएम ने की घोषणा, लोगों में खुशी का माहौल

हार से बढ़ी बीजेपी की चुनौती: उचित शर्मा का कहना है कि ,प्रदेश में हुए पिछले तीन उपचुनावों में मिली हार के बाद खैरागढ़ उपचुनाव में भाजपा को जीत की उम्मीद थी. बीजेपी ने कोमल जंघेल के रूप में प्रत्याशी का चयन भी अच्छा किया था. जंघेल 2018 के विधानसभा चुनाव में केवल 800 वोटों से हारे थे. जातिगत समीकरण में भी जंघेल उपयुक्त प्रत्याशी माने जा रहे थे. बीजेपी नेताओं ने भी जंघेल के पक्ष में जमकर पसीना बहाया . लेकिन कांग्रेस के जिला बनाने के वायदे ने भाजपा को खैरागढ़ की सियासी रियासत से बाहर कर दिया. राजनीतिक प्रेक्षक उचित शर्मा के अनुसार यह हार भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री और प्रदेश भाजपा प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी की भी चुनाैती बढ़ाएगी.

जोगी कांग्रेस को भी लगा तगड़ा झटका: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव का नतीजा, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के लिए भी सदमें से कम नहीं है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ( जोगी ) पार्टी से देवव्रत सिंह खैरागढ़ से विधायक थे , जिनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ , लेकिन इस चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र सोनी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए .खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण को देखें तो यह सीट लोधी बाहुल्य है . इसी वजह से दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल , कांग्रेस और बीजेपी ने लोधी समाज से प्रत्याशी बनाकर इस वर्ग को साधने की कोशिश की .

Khairagarh assembly by election results: खैरागढ़ सीट पर कांग्रेस का कब्जा, यशोदा वर्मा चुनाव जीतीं

खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुछ और जातियां भी हैं, जो चुनाव परिणाम को प्रभावित करती हैं . आकड़ों के अनुसार खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में लोधी के बाद सबसे बड़ा वर्ग गोंड जनजाति का है, जो चुनावी परिणाम को पूरी तरह से प्रभावित करता है. आंकड़ों के मुताबिक इस सीट में 45 हजार लोधी मतदाता , करीब 30 हजार गोंड ,पच्चीस हजार साहू ,करीब 18 हजार यादव , और करीब 16 हजार सतनामी समाज के मतदाताओं की संख्या है . वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि कांग्रेस , लोधी के साथ ही अन्य जातियों के मतदाताओं को भी साधने में सफल रही .

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