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Kartik Purnima 2021: शुक्रवार को मनाया जाएगा पूर्णिमा व्रत

पूर्णिमा व्रत (Kartik Purnima 2021) 18 नवंबर की दोपहर 12:01 से लेकर 19 नवंबर को दोपहर 2:27 तक शुद्ध रूप से पूर्णिमा का काल रहेगा. यह पूर्णिमा स्नान दान श्राद्ध आदि के लिए प्रसिद्ध है.

शनिवार को मनाया जाएगा पूर्णिमा व्रत
Kartik Purnima Vrat will be celebrated

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Published : Nov 16, 2021, 7:45 AM IST

Updated : Nov 16, 2021, 7:58 AM IST

रायपुर: पूर्णिमा व्रत (Kartik Purnima 2021) 18 नवंबर की दोपहर 12:01 से लेकर 19 नवंबर को दोपहर 2:27 तक शुद्ध रूप से पूर्णिमा का काल रहेगा. यह पूर्णिमा स्नान दान श्राद्ध आदि के लिए प्रसिद्ध है. आज ही के दिन पुष्कर मेला केदार व्रत और छत्तीसगढ़ में महादेव घाट में पुन्नी मेला के रूप में सुप्रसिद्ध है. आज के शुभ दिन खंड ग्रास चंद्र ग्रहण भी हैं. जोकि भारत में अदृश्य अमान्य है. इस पर्व को देव दिवाली, गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के रूप में भी मनाया जाता है. पूर्णिमा का व्रत पूरी सात्विकता निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए. इस पूर्णिमा में सूर्य का प्रभाव वृश्चिक राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे दोनों ही आपस में समसप्तक संबंध बनाते हैं.

शुक्रवार को मनाया जाएगा पूर्णिमा व्रत

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महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर पुन्नी मेले का आयोजन

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) में दान का बहुत विशेष महत्व है. आज के शुभ दिन श्वेत वस्तुएं जैसे चावल शर्करा आटा आदि का दान करना बहुत शुभ माना गया है. आज के शुभ दिन सुबह उठकर प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान का महत्व है. यह स्नान सरोवर तालाब नदी में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति मिलती है. आज के दिन छत्तीसगढ़ राज्य में पूरे उत्साह उमंग और अनंत ऊर्जा के साथ महादेव घाट (Mahadev Ghat) में पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में मुख्यमंत्री सहित सभी विशिष्ट लोग डुबकी लगाकर स्नान करते हैं. यह स्नान रात्रि बेला में ही किया जाता है अर्थात सूर्योदय के काफी पहले स्नान को करने का विधान है. आज के दिन पूरे क्षेत्र में मेले का वातावरण रहता है. गांव गांव और शहर शहर से लोग आकर इस मेले का आनंद लेते हैं.

हर वर्ग के लोग होते हैं शामिल

पुष्कर में भी आज के दिन वृहद मेले का आयोजन होता है. यह पूर्णिमा अपने विशाल मेलों के लिए प्रसिद्ध है. अनेक तरह के खेलकूद झूला गन्ने की बिक्री विभिन्न खाद्य पदार्थों का विक्रय इस मेले में किया जाता है. बच्चे, बूढ़े और जवान पूरे परिवार सहित इस मेले में शामिल होते हैं.

पूर्णिमा में मंत्र बल सिद्धि का विधान

कृतिका नक्षत्र परिघ योग (Kritika Nakshatra Parigha Yoga) बव और बालव करण के सुंदर प्रभाव में यह पर्व मनाया जाएगा. इस पर्व में नकारात्मक शक्तियों से दूर रहने का प्रयास किया जाना चाहिए. इस पूर्णिमा में मंत्र बल सिद्धि का काफी विधान है. आज के दिन किया गया ध्यान योग मंत्र साधना मंत्र पाठ आदि प्रयोग सफल होते हैं. आज के दिन संकल्प लेकर नया काम करने से सफलता मिलती है. आज के शुभ दिन बहुत सारे शुभ कार्य किए जा सकते हैं. रजत, स्वर्ण आदि भी खरीदना और दान देना भी शुभ माना गया है. यह पूर्णिमा अनेक सुंदर योगों के साथ बहुत ही विशिष्ट है.

Last Updated : Nov 16, 2021, 7:58 AM IST

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