छत्तीसगढ़

chhattisgarh

VIDEO: सीएम पर कई आरोप जड़ने के बाद कनक तिवारी ने दी ये 'चेतावनी', देखें

By

Published : Jun 4, 2019, 12:37 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 5:01 PM IST

कनक तिवारी ने खुलासा किया कि राज्य शासन के महाधिवक्ता होने के नाते उन्होंने शासन को कई अहम सुझाव देने चाहे थे, जिनपर अमल नहीं किया गया. तिवारी ने राज्य शासन के द्वारा कई मामलों में जांच के लिए SIT गठन पर भी अपनी असहमति दी थी.

महाधिवक्ता कनक तिवारी

दुर्ग: प्रदेश में महाधिवक्ता कनक तिवारी के जगह सतीश चंद्र वर्मा के नियुक्ति के बाद विवाद गहराता जा रहा है. पूर्व महाधिवक्ता ने अपने स्थान पर दूसरी नियुक्ति को गैर संवैधानिक करार दिया है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि उनकी नियुक्ति के बाद से ही उनके साथ साजिश हो रही है. कनक तिवारी ने यह भी साफ किया है कि उन्होंने न ही कोई इस्तीफा दिया है न ही काम करने की अनिच्छा जाहिर की थी. वे लगातार काम कर रहे थे.

कनक तिवारी ने लगाए सीएम पर आरोप

कनक तिवारी ने खुलासा किया कि राज्य शासन के महाधिवक्ता होने के नाते उन्होंने शासन को कई अहम सुझाव देने चाहे थे, जिनपर अमल नहीं किया गया. तिवारी ने राज्य शासन के द्वारा कई मामलों में जांच के लिए SIT गठन पर भी अपनी असहमति दी थी.

मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
कनक तिवारी ने आरोप भी लगाया है कि उनके नियक्ति को 5 माह हो गए लेकिन विधि सचिव को लगातार बुलाने पर भी उन्होंने एक बार भी महाधिवक्ता से मिलना उचित नहीं समझा. तिवारी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से भी कई विषयों पर गोपनीय चर्चा कर सुझाव देने का प्रयास किया लेकिन मुख्यमंत्री ने भी उन्हें समय नहीं दिया. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को सोशल एप के जरिए अपने साथ साजिश की जानकारी देने के बाद भी उनकी अनदेखी की गई.

ऐसा देश का पहला मामला: कनक तिवारी
कनक तिवारी ने एडवोकेट नियमावली का हवाला देते हुए बताया कि महाधिवक्ता की नियुक्ति और हटाया जाना राज्यपाल का विशेषाधिकार होता है, जिसमें राज्य शासन का मनचाहा अधिवक्ता ही इस पद पर बैठाया जाता है. अपने आप को हटाए जाने को कनक तिवारी ने देश का पहला मामला बताते हुए कहा कि बिना पद रिक्त हुए दूसरे को उस पद पर बदला गया. अधिसूचना में साफ साफ लिखा हुआ है कनक तिवारी महाधिवक्ता के स्थान पर सतीश चंद वर्मा अतरिक्त महाधिवक्ता को महाधिवक्ता नियुक्त करते हैं.

नियम विरुद्ध नियुक्ति: तिवारी
तिवारी ने उनसे पूर्व के महाधिवक्ता का जिक्र करते हुए बताया कि पहले उस पद को रिक्त होना था बाद में उस खाली पद पर नियुक्ति होती लेकिन किसी के स्थान पर रिप्लेसमेंट का तरीका नियम विरुद्ध है. वहीं कनक तिवारी ने कहा कि उन्हें महाधिवक्ता पद से हटाने में बड़ी साजिश है, जिसमें उनके विरोधी शामिल हैं.

किसी तरह की राजनीति नहीं चाहता: तिवारी
अपने पद से हटाए जाने के बाद तिवारी ने विपक्षी राजनीतिक दलों के द्वारा मामले को उठाये जाने पर भी स्पष्ट किया कि उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं वे संवैधानिक पद पर थे और किसी भी तरह के राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहते. तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका मुख्यमंत्री और अन्य किसी मंत्री से कोई मतभेद नहीं है न ही वे कोई विवाद चाहते हैं.

राज्यपाल के जवाब का इंतजार: तिवारी
तिवारी ने पद से हटाए जाने के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर हटाए जाने के तरीके को नियम विरुद्ध बताए हुए उनके जवाब का इंतजार करना बताया है. कनक तिवारी ने मुख्यमंत्री के साथ व्हाट्सएप्प पर चर्चा को समय आने पर सार्वजनिक भी करने की बात कही है. अब देखना होगा नाराज चल रहे कनक तिवारी का अगला कदम क्या होता है क्योंकि राज्य सरकार के बहुत से विधि संबंधित राज भी तिवारी जानते हैं.

Last Updated : Jun 4, 2019, 5:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details