रायपुर: छत्तीसगढ़ में कमरछठ पर्व सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया. भादो महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी को हलषष्ठी पर्व मनाया जाता है. इसे छत्तीसगढ़ में कमरछठ के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. बलराम को शेषनाग का अवतार भी माना जाता है. भगवान विष्णु के अधिकांश अवतारों में शेषनाग किसी न किसी रूप में उनके साथ हमेशा अवतरित हुए हैं. हिंदू धर्म शास्त्रानुसार भगवान बलराम का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है. हल धारण करने के कारण भी बलराम को हलधर कहा जाता है.कमरछठ के दिन माताएं व्रत रहकर संतान की लंबी उम्र और समृद्धि की प्रार्थना करती है.
डगनिया क्षेत्र में भी कमरछठ पर्व मनाया गया. यहां पर माताएं बमलेस्वरी मंदिर के सामने एकत्रित हुई. सगरी का निर्माण करके विधि-विधान से सोशल डिस्टेंडिंग का पालन करते हुए कांस का मंडप सजाया गया. जहां भगवान शिव, गौरी-गणेश, कार्तिकेय और नंदी भगवान की पूजा अर्चना की गई. मंदिर प्रांगण के पंडित जी ने व्रत मनाए जाने का कारण भी बताया.