रायपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले फरार आरोपी कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है. आज देर शाम तक रायपुर पुलिस कालीचरण महाराज को रायपुर लेकर आएगी. कालीचरण महाराज खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास एक व्यक्ति के यहां किराए का रूम लेकर रूके हुए थे. रायपुर के टिकरापारा थाने में महात्मा गांधी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने पर कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
कालीचरण महाराज मध्य प्रदेश के खजुराहो में ठहरे हुए थे. रायपुर पुलिस कालीचरण और उनके पीए का मोबाइल ट्रेस कर खजुराहो पहुंची और कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया.
मध्यप्रदेश पुलिस को बिना सूचना के गिरफ्तारी गलत: गृहमंत्री
महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण की गिरफ्तारी पर सियासत शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर हमें आपत्ति है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस को बगैर जानकारी दिए रायपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी करना गलत है. मैंने मध्यप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे छत्तीसगढ़ के डीजीपी से इसको लेकर बात करें.
कालीचरण महाराज गिरफ्तारी पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जताई आपत्ति इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन: नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस को इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना था. संघीय मर्यादा इसकी इजाजत नहीं देती है. मैंने मध्यप्रदेश के डीजीपी को कहा है कि वह तत्काल छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करें. विरोध दर्ज कराएं और मामले में स्पष्टीकरण भी लें.
बाद में जोड़ी गई थी दो अन्य धाराएं
रायपुर की धर्म संसद में 26 दिसंबर को कालीचरण महाराज ने मंच से महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इतना ही नहीं बल्कि गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को उनकी हत्या करने के लिए धन्यवाद दिया था. इसके बाद मंच पर ही उनका विरोध शुरू हो गया था. देर रात रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें पुलिस ने धारा 294, 505(2) के तहत केस दर्ज किया था. पुलिस ने मंगलवार देर रात दो अन्य धाराएं 153 ए और 295 ए जोड़ दी थी.
बंटवारे के लिए गांधी जी को ठहराया था जिम्मेदार
रायपुर में आयोजित धर्म संसद 2021 में रविवार को बवाल हुआ था. यहां धर्म की बात के बीच राजनीति हावी होती नजर आई थी. महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Controversial Statement on Mahatma Gandhi) पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने साल 1947 में हुए भारत के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया था. महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था.
कालीचरण के इस बयान के बाद धर्म संसद में हंगामा मच गया था. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das) ने कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि वह अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई हैं. हम इसका विरोध करते हैं. इसके बाद वह मंच छोड़कर धर्म संसद से चले गए.
धर्मगुरु कालीचरण की बढ़ी मुश्किलें, एफआईआर की कॉपी में पुलिस ने जोड़ी अतिरिक्त धाराएं
'राजनेताओं को कट्टर हिंदूवादी होने की जरूरत'
धर्म संसद में कालीचरण को नाथूराम गोडसे की तस्वीर को हाथ जोड़कर प्रणाम करते देखा गया था. रविवार को उन्होंने मंच से बापू के खिलाफ विवादित बयान दिया था. उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि राजा, यानि सांसद, विधायक, मंत्री और प्रधानमंत्री को कट्टर हिंदूवादी होना चाहिए. जो लोग वोट का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उनके खिलाफ बोलते हुए कालीचरण ने इसे इस्लाम से जोड़ दिया था. वह कहने लगे कि वोट के अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने से देश में इस्लाम हावी होगा.
'धर्मांतरण रोकने के लिए जाति व्यवस्था खत्म हो'
धर्मांतरण पर बोलते हुए संत कालीचरण ने एक नई व्याख्या की थी. उन्होंने कहा था कि धर्मांतरण को रोकने के लिए जाति व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए. तभी धर्मांतरण रुकेगा. जिन लोगों को समाज से प्रेम नहीं मिला, जिन वर्गों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला. ऐसे लोगों ने ही दूसरे धर्म को अपनाया है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों की देखा-देखी करते हुए अन्य लोग अब धर्मांतरण को अपना रहे हैं. इसलिए जाति व्यवस्था को खत्म कर ही धर्मांतरण की समस्या का हल पाया जा सकता है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर जताया एतराज
राज्य सरकार की यह कार्रवाई हरिद्वार के उस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें नफरत भरे भाषण दिए गए थे. रायपुर में कार्यक्रम रावणभाटा में आयोजित किया गया था, जिसमें संत कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सही ठहराने का आरोप है. राहुल गांधी ने भी हैशटैग गांधीफॉरएवर ट्वीट किया और गांधी को उद्धृत किया कि 'आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते'.
हरिद्वार में भी हुआ था ऐसा ही आयोजन
17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में इसी तरह की घटना होने की सूचना मिली थी. सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग प्रसारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि 'हिंदुओं को म्यांमार की तरह हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए, और 'सफाई अभियान' चलाना चाहिए' तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगा है. उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.