Junior Doctors Stipend Increased: छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों के अच्छे दिन, सीएम बघेल के एलान के बाद अब मिलेगी इतनी सैलरी
Junior Doctors Stipend Increased: छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों के अच्छे दिन आ गए है. सीएम बघेल ने हड़ताली जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ा दिया है. सीएम बघेल ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है. सीएम के ट्वीट के बाद जूनियर डॉक्टर्स काफी खुश हैं. Chhattisgarh News
जूनियर डॉक्टरों के अच्छे दिन
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Published : Aug 5, 2023, 5:22 PM IST
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Updated : Aug 5, 2023, 6:34 PM IST
रायपुर:छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर थे. तकरीबन 3 हजार से अधिक डॉक्टर्स अपनी मांगों को अलग-अलग जिलें से हड़ताल पर थे. इन डॉक्टर्स की मांग को आज सीएम बघेल ने पूरा कर दिया है. सीएम जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड को बढ़ाने का फैसला किया है . सीएम बघेल ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है. सीएम की इस सौगात के बाद जूनियर डॉक्टर्स काफी खुश हैं
सीएम बघेल ने ट्वीट कर जूनियर डॉक्टरों को दिया गिफ्ट:सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. सीएम ने ट्वीट कर लिखा, मुझे यह साझा करते हुए संतोष हो रहा कि हमने जूनियर डॉक्टर्स की स्टाइपेंड में वृद्धि करने का फैसला किया है.
अन्य राज्यों से कम स्टाइपेंड मिलने का जूनियर डॉक्टर्स लगा रहे थे आरोप :राज्य में जूनियर डॉक्टर्स को मिलने वाला स्टाइपेंड दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहद कम था. एमपी, झारखंड से भी कम स्टाइपेंड प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता था. दूसरे प्रदेशों में जहां 95 हजार रुपए तक स्टाइपेंड दिया जाता है. वहीं, छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए ही मिलते हैं. किसी भी प्रदेश में 2 साल का बॉन्ड नहीं भरवाया जाता है. केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है. बीते 4 साल में मानदेय नहीं बढ़ाया गया था. मजबूरन ये डॉक्टर्स हड़ताल पर थे.
6 महीने पहले मिला था स्टाइपेंड बढ़ाने का भरोसा: बता दें कि ये जूनियर डॉक्टर्स 6 माह पहले भी हड़ताल पर थे. हालांकि आश्वासन मिलने के बाद इन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी. लेकिन इसके 6 महीने बाद भी जब उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तब फिर से जूनियर्स डॉक्टर्स यानी की जूडा ने स्ट्राइक पर जाने का फैसला किया. बीते 4 दिनों से छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर थे.
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित:जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है. कई जगहों पर विभाग ने विकल्प तलाश लिया है. हालांकि जहां डॉक्टर्स की संख्या कम है, उन जगहों पर मरीजों को अधिक दिक्कतें हो रही है.