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जोगी के आरोपों को मो. अकबर ने किया खारिज, कहा- हमने नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति

अडानी को माइंस दिए जाने को लेकर चल रहे आदिवासियों के आंदोलन और उस पर हो रही सियासत के बीच जेसीसीजे नेता अमित जोगी के आरोपों को पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने खारिज किया है.

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Published : Jun 10, 2019, 9:18 PM IST

जोगी के आरोपों को मो. अकबर ने किया खारिज

रायपुर: अडानी को माइंस दिए जाने को लेकर चल रहे आदिवासियों के आंदोलन और उस पर हो रही सियासत के बीच जेसीसीजे नेता अमित जोगी के आरोपों को पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने खारिज किया है. उन्होंने साफ कहा है कि पेड़ काटने की कोई अनुमति उनकी तरफ से नहीं दी गयी है.

जोगी के आरोपों को मो. अकबर ने किया खारिज

उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग की तरफ से उनके पास इस संबंध में अब तक कोई फाइल ही नहीं आई है और न ही कोई अनुमति दी गई है. इस मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है.
मोहम्मद अकबर ने आगे कहा कि पेड़ काटने की अनुमति पूर्व सरकार ने दी थी. इस मामले में सरकार ने जानकारी मंगवाई है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. अकबर ने एक आदेश की कॉपी भी दिखायी है.

उन्होंने कहा कि जो जानकारी उन्हें पर्यावरण संरक्षण मंडल से मिली है उसके मुताबिक अप्रैल में माइनिंग के लिए संचालन सम्मति बोर्ड में दिया गया था. लेकिन ये कंसेंट केन्द्र सरकार के उपक्रम एनएमडीसी औक सीएमडीसी के संयुक्त उपक्रम के नाम से जारी किया गया था न कि किसी प्राइवेट कंपनी को.

गौरतलब है अमित जोगी ने वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर सीधे-सीधे आरोप लगाया है. जोगी ने कहा कि 12 फरवरी को मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में पर्यावरण मंडल की बैठक हुई थी, जिसमें नंद राज पर्वत (जहां आदिवासियों के देवता विराजमान हैं) उसे डिपॉजिट 13 में बदलकर अडानी ग्रुप को लौह अयस्क की खुदाई के लिए दिया गया था, जिसके दस्तावेज मौजूद हैं.

जोगी ने कहा कि इसके बाद अप्रैल में जब फिर से पर्यावरण मंडल की बैठक हुई तब मोहम्मद अकबर ने अपने अधिकरियों से सवाल किया था कि अब तक काम शुरू क्यों नहीं हुआ है, काम शुरू करने में क्या परेशानी आ रही है. जिसका जवाब 4 दिन से आंदोलन कर रहे आदिवासियों ने दे दिया है.

जोगी ने मो. अकबर से की बाबर की तुलना
अमित जोगी ने पूरे मामले में अकबर को कटघरे में खड़े करते हुए उनकी तुलना बाबर से कर दी. अमित जोगी ने कहा कि, 'जिस तरह बाबर ने राम जन्म भूमि में रामलला के मंदिर को गिरा कर बाबरी मस्जिद बनाई थी. उसी तरह अकबर ने आदिवासियों के नंदी पहाड़ी को डिपॉजिट 13 में तब्दील कर खुदाई के लिए अडानी को दे दिया है.'

उन्होंने कहा कि, 'मोहम्मद अकबर को अपने नाम के अनुरूप भाईचारे के रास्ते पर चलना चाहिए लेकिन वो बाबर और औरंगजेब के रास्ते पर चल रहे हैं या तो वो मेरी बातों को गलत साबित कर दें या अपना नाम बदल कर बाबर या औरंगजेब रख लें.'

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