रायपुर: सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने ( ban single use plastic in Chhattisgarh) के बाद रायपुर में लगभग 3000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को नया रोजगार मिलने जा रहा है. शहरी रोजगार से जुड़े समूह की इन महिलाओं को अब प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए वैकल्पिक उत्पाद जैसे कपड़े के थैले, कागज के लिफाफे या कागज के थैले.. समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जाएगा. इसके लिए महिलाओं को रॉ मटेरियल के साथ ही राशि भी उपलब्ध कराई (Jhola Bank will become alternative to single use plastic in Raipur ) जाएगी. समूह की महिलाओं ने इसके पहले भी बर्तन बैंक और कोरोना काल में मास्क बनाकर पैसा कमाया है. नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी के संयुक्त प्रयास से इन महिलाओं को कपड़े और कागज के थैले बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. वर्तमान में शहर के प्रमुख बाजारों में झोला बैंक की भी स्थापना की (Raipur Jhola Bank will be alternative to single use plastic) गई है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद मिल रहा फायदा:समूह की महिला निशी झा ने बताया, "रायपुर नगर निगम के अंतर्गत कपड़े के थैले बनाने का काम बीते कुछ महीनों से चल रहा है. लेकिन 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाने के बाद कपड़े से बने थैले बनाने के इस कार्य को प्रोत्साहन भी मिल रहा है. विकल्प के तौर पर आने वाले समय में कपड़े के थैले के साथ ही कागज के थैले और पैकेट भी बनाए जाएंगे. आज के समय में हर कोई चाहता है कि उनका थैला ज्यादा वजन ना हो. इसे ध्यान में रखते हुए थैले की साइज और वजन के आधार पर थैला बनाने का काम समूह के द्वारा किया जा रहा है. यहां बन रहे थैलों की कीमत ₹10 से लेकर ₹60 तक है."
झोला बैंक से ग्राहक किराए पर ले सकता है झोला:समूह की दूसरी महिला सावित्री चंद्राकर शास्त्री मार्केट में झोला बैंक का संचालन करती हैं. उन्होंने बताया, "समूह के द्वारा पिछले कुछ महीने से थैला बनाने के साथ ही नैपकिन और मास्क भी बनाया जा रहा है. लोग अगर जागरूक होकर कपड़े के थैले ज्यादा उपयोग करते हैं तो सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा. इस झोला बैंक में कोई ग्राहक एक निश्चित समय अवधि के लिए झोला ले जाता है. झोला वापस करने पर 50% की राशि ग्राहक को वापस कर दी जाएगी."