रायपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचने पर स्वामी विवेकानंद विमानतल पर स्वागत किया गया. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं. रायपुर पहुंचने पर भी ईडी के समन (ED notice to Hemant Soren) को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष पर हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि ईडी का समन नहीं, बीजेपी द्वारा अपनाया गया हथकंडा है.
ये भी पढ़ें-Chhattisgarh Rajyotsava 2022: समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल
सीएम सोरेन का स्वागत: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचने पर स्वामी विवेकानंद विमानतल पर स्वागत किया गया. गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने उनकी अगुवानी की. झारखंड के मुख्यमंत्री राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ईडी समन पर क्या बोले इससे पहले गुरुवार को रांची में मुख्यमंत्री आवास का मेन गेट राजनीति का मंच बन गया. वहां भारी संख्या में पहुंचे झामुमो के कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए एक तीर से कई निशाने साधे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि समन नहीं, हिम्मत है तो गिरफ्तार करके दिखाओ. उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्रीय एजेंसियां कोयला और लोहा ढो रही हैं और दूसरी तरफ हमारे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है.
बीजेपी पर साधा निशाना: मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. आने वाले समय में इनको झंडा धोने वाला भी नहीं मिलेगा. सीएम ने कहा कि आज मुझे छत्तीसगढ़ में आदिवासी महोत्सव में मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया है और दूसरी तरफ ईडी ने आज हाजिरी लगाने को कह दिया. अजीब हालत है. अगर गुनाह किया है तो पूछताछ क्यों करते हो? सीधे गिरफ्तार करके दिखाओ. किसकी हत्या की है कौन सा गुनाह किया है.
क्यों ईडी और भाजपा ऑफिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. क्या झारखंडियों से डर लगता है. अभी तो कुछ किया ही नहीं है. अगर करने पर उतारू हो जाएं तो वह दिन दूर नहीं जब सिर छुपाने को भी जगह नहीं मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इनको राजनीतिक रूप से ऐसे जवाब देना है कि दोबारा सिर उठाने की हिम्मत ना कर पाएं. जब केंद्र से अपने हिस्से का पैसा मांगते हैं तो यह लोग सीबीआई और ईडी की धमकी देते हैं. गरीबों को प्रधानमंत्री आवास मुहैया कराना है लेकिन उसकी स्वीकृति केंद्र सरकार नहीं दे रही है. जीएसटी लगाकर देश को पंगु बना दिया और उनके साथी अरबों खरबों लूटकर ले जा रहे हैं उनको पूछने वाला कोई नहीं.