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SPECIAL: मरवाही में 'कमल' पर चढ़ा गुलाबी रंग, 'घर' से 'बेघर' जोगी का बदला ! - पूर्व सीएम रमन सिंह

वोटिंग से महज 3 दिन पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के मुखिया अमित जोगी ने बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया. जिसके बाद से मरवाही उपचुनाव की जंग रोचक हो गई है.

JCCJ support to BJP
मरवाही का महासमर

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Published : Oct 31, 2020, 10:51 PM IST

रायपुर: मरवाही के महासमर ने बहुत रोचक मोड़ ले लिया है. जोगी के इस गढ़ में इस बार जोगी ही चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. जाति विवाद ऐसा उलझा कि इस बार मैदान में बीजेपी और कांग्रेस तो है, लेकिन जिस परिवार की पकड़ इस विधानसभा सीट पर छत्तीसगढ़ बनने के बाद रही, उसे मौका ही नहीं मिला. लिहाजा जेसीसीजे ने तय किया कि कांग्रेस को हराने के लिए वो कमल का साथ देगी. अमित जोगी ने बीजेपी प्रत्याशी डॉ. गंभीर सिंह को अपना समर्थन दे दिया है. वे इसे अपने स्वर्गीय पिता अजीत जोगी के अपमान का बदला लेने के लिए परिस्थितिवश लिया गया फैसला बता रहे हैं.

मरवाही का महासमर

जैसे ही ये खबर सियासी गलियारों में दौड़ी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी. सीएम भूपेश बघेल, सब जानते हैं उनके रिश्ते अजीत जोगी से कैसे रहे. उन्होंने करारा तंज कसा. सीएम ने कहा कि इनकी सांठगांठ को सब जानते थे. जोगी परिवार और बीजेपी का गठजोड़ कई सालों से चल रहा था. यह गठजोड़ पुराना है, लेकिन पहली बार सबके सामने आया है. कांग्रेस हमेशा से जोगी को भाजपा की बी टीम कहती रही है. जेसीसीजे के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जोगी कांग्रेस के पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं था.

पढ़ें-मरवाही उपचुनाव: जानिये इस सीट के सियासी समीकरण

देवव्रत सिंह ने कहा-मेरे खून में कांग्रेस

इधर, जेसीसीजे में विरोध के स्वर मुखर करने वाले देवव्रत सिंह अमित जोगी के इस फैसले के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं. उनका कहना है कि मेरे खून में कांग्रेस है, अगर जोगी कांग्रेस का विलय भाजपा में होता है तो मैं स्वत: ही स्वतंत्र हो जाऊंगा. उन्होंने ये कहकर कि रेणु जोगी का विश्वास कांग्रेस में है इस बात को और हवा दी कि जेसीसीजे में सब ठीक नहीं.

देवव्रत सिंह को धरमजीत सिंह का जवाब

अमित जोगी के करीबी और जेसीसीजे के नेता धरमजीत सिंह ने देवव्रत सिंह को जवाब दिया है. धरमजीत ने कहा कि अजीत जोगी के अपमान का बदला लेने के लिए जिसे समर्थन होगा देंगे. हमें किसी को नसीहत देने की जरूरत नहीं है. धरमजीत ने ये भी कहा कि देवव्रत भूल गए कि कैसे कांग्रेस ने उन्हें अपमानित कर टिकट नहीं दिया था. तब जेसीसीजे के टिकट पर वे चुनाव लड़े और जीते.

पढ़ें-JCCJ का BJP को समर्थन: अमित जोगी ने कहा, 'पिता का अपमान बर्दाश्त नहीं, एकमात्र लक्ष्य कांग्रेस को सबक सिखाना'

3 नवंबर को जनता करेगी फैसला

इस चुनावी जंग में राजनीतिक पार्टियां चाहे जितना लोगों के मन में बसे होने के दावे कर लें. कोई काम से या कोई नाम से. मरवाही के मन में कौन है, ये वहां के लोग 3 नवंबर को ईवीएम में कैद कर देंगे.

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