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अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखाएगी JCC (J) - जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)

महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें इस फैसले के विरोध में हाइकोर्ट जाने की बात भी कही है.

अमित जोगी

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Published : Oct 29, 2019, 10:13 PM IST

रायपुर : भूपेश सरकार के नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष के चयन को अप्रत्यक्ष रुप से करने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सोशल मीडिया के जरिए इस चुनाव प्रणाली को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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एक पोस्ट के जरिए अमित जोगी ने अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के संबंध में 3 प्रश्नों के उत्तर देते हुए अपनी पार्टी का दृष्टिकोण और रणनीति स्पष्ट करने की बात कही है.

ये है सोशल मीडिया पोस्ट

  • पहला सवाल: 56 साल पुराने कानून में अचानक सरकार को संशोधन करके ताबड़तोड़ अध्यादेश पारित करने की क्या आवश्यकता आन पड़ी और वो भी ठीक चुनाव से पहले? आज तक महापौर और अध्यक्षों का चयन सीधे मतदाता करते आए हैं. उनसे ये अधिकार छीनकर पार्षदों को देने का आखिर कारण क्या है?
  • उत्तर - सरकार का मतदाताओं से विश्वास उठ गया है.
  • प्रश्न 2 - पार्षदों को दलबदल कानून के दायरे के क्यों बाहर रखा गया है?
  • उत्तर: ताकि सरकार पार्षदों को खरीद और डरा-धमका कर अपने मनमाफिक महापौर और अध्यक्ष को जनता पर थोप सके.
  • प्रश्न 3 - जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) क्या करेगी?
  • उत्तर: विधान सभा सत्र में हम 40 संशोधन प्रस्ताव रखेंगे और उनपर चर्चा कराएंगे. साथ ही विधेयक का सूक्ष्मता से अध्ययन करने हेतु एक सलेक्ट कमेटी (प्रवर समिति) के गठन की मांग करेंगे ताकि किसी भी सूरत में चुनाव पूर्व विधेयक क़ानून न बन सके और अध्यादेश का प्रभाव स्वमेव समाप्त हो जाए.

अध्यादेश को हाइकोर्ट में देंगे चुनौती

अमित जोगी ने कहा कि हाईकोर्ट में दो आधार पर अध्यादेश को चुनौती देंगे. पहला- अध्यादेश से न केवल जनता सीधे चुनने के अधिकार से वंचित होगी, बल्कि इस से खरीद फरोख्त और दलबदल को भी बढ़ावा मिलेगा, जो कि संविधान में निहित मौलिक लोकतांत्रिक ढांचे का हनन है और दूसरा अध्यादेश लाने के पीछे सरकार ने राजपत्र में कोई कारण न बताकर मनमाना और विवेकाधीन काम किया है. दोनों की अनुमति देश का संविधान नहीं देता.

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