रायपुर: 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में नई राजनीतिक शक्ति का उदय होता है. राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी अजीत जोगी की बनाई गई जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (Janata Congress Chhattisgarh Jogi) (जेसीसीजे) ने विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में बसपा (BSP) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और 5 सीटों में अपना परचम लहराने में कामयाबी भी हासिल की थी. इसके अलावा इस पार्टी ने कई सीटों पर जीत और हार का फैक्टर बनकर उभरी थी. लेकिन कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद से ही इस पार्टी को छोड़कर जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई. अजीत जोगी (Ajit jogi) और अमित जोगी के कई करीबियों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. खास बात यह रही कि पार्टी छोड़कर जाने वाले लोगों को कभी भी जोगी परिवार द्वारा रोकने की कोशिश नहीं की.
अस्तित्व पर आंच
2020 में अजित जोगी के निधन (Ajit Jogi passes away) के बाद से लगातर करीबियों ने पार्टी का दामन छोड़ा. यहां तक कि पार्टी के 2 विधायकों ने भी खुलकर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी. इसके बाद मरवाही में हुए उपचुनाव में भी जेसीसी(जे) का कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान पर नहीं उतर पाया. इधर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी (National President Renu Jogi) ने कहा कि हमारे दो विधायक कांग्रेस (Two MLAs Congress) में और विधायक दल के नेता धरमजीत सिंह (Leader Dharamjit Singh) का रुझान भाजपा की ओर है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों ने इससे घोषणा करने में देरी नहीं लगाई की जेसीसी(जे) JCC(J) का अस्तित्व अंतिम सांसे गिन रहा है.
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हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (State President Amit Jogi) का कहना है कि वह अपने पिता के सपनों की इस पार्टी को जिंदा रखेंगे. छत्तीसगढ़ में ऐसे राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश करेंगे, जिससे छत्तीसगढ़ के फैसले छत्तीसगढ़ में ही हो. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है जब तक चुनाव नहीं होते हैं, तब तक हम सभी एक परिवार के रूप में रहेंगे. जब चुनाव होंगे, जब जिसे परिस्थितियां लगती है वह अपना निर्णय लेंगे.
85% विधायक दोबारा चुनाव नहीं जीत पाते
अमित जोगी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का इतिहास रहा है, 85% विधायक दोबारा चुनाव नहीं जीत पाते है. अभी चिंता उन्हें करनी चाहिए जिनके पास 70 विधायक हैं. उनका निशाना भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) पर था. उन्होंने कहा कि हम नए चेहरे लेकर लोगों के बीच जाएंगे, जो वास्तव में छत्तीसगढ़ के माटी से प्रेम करते हैं. अमित जोगी (Amit Jogi) ने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि अजीत जोगी के जाने के बाद पार्टी अनाथ हो गई है. उन्हें बताना चाहूंगा कि जिनके ऊपर छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ लोगों का हाथ है वे कभी अनाथ नहीं हो सकते.
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