रायपुर:एक बार फिरETV भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. राजधानी रायपुर में जेल की दीवारों के अंदर बंद कैदियों की दुर्दशा के बारे में सबसे पहले ETV भारत ने आवाज उठाई थी. खबर में बताया गया था कि कैसे इन जेलों में क्षमता से तीन गुना ज्यादा कैदियों को रखा जाता है. यही हालत प्रदेश के दूसरे जिलों में भी है. प्रदेश सरकार ने इस ओर ध्यान देते हुए जेल सुधार आयोग बनाने की घोषणा की है.
प्रदेश सरकार बनाएगी 'जेल सुधार आयोग' छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी है. केंद्रीय जेलों की बात की जाए तो रायपुर समेत सभी केंद्रीय जेलों में क्षमता से लगभग तीन गुना ज्यादा बंदियों को रखा गया है. इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि छतीसगढ़ के जेलों में कैदियों का जीवन किस बदहाली से गुजर रहा है. इसी बदहाली को आंकड़ों सहित दिखाने वाले खबर ने शासन और प्रशासन का ध्यान खींचा है.
प्रदेश में बनेगा जेल सुधार आयोग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस साल बजट में प्रदेश के कुछ उप जेलों के उन्नयन की घोषणा करते हुए प्रदेश में एक जेल सुधार आयोग बनाने का प्रावधान भी रखा है. इन जेलों में बंद कैदियों के जीवन को करीब से देखने वाले लोगों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया है. वहीं कानून के जानकरों ने सरकार के इस मंशा की तारीफ की है. साथ ही उन बातों की ओर भी ध्यान दिलाया है, जिसके चलते अनावश्यक रूप से जेलों में बंदियों संख्या बढ़ रही है.
अब जेल सुधार गृह के रूप में होंगे विकसित
जेलों को सुधार गृह के रूप में विकसित करने की अवधारणा काफी पहले से ही देश में अपनाई गई थी, लेकिन जेलों में जिस तरह के हालात हैं उससे यह कहना मुश्किल है कि यहां लाए गए बंदी अपने जीवन में कोई सुधार ला पाएंगे. अब सिर्फ ये उम्मीद किया जा सकता है कि सरकार का यह फैसला सकारात्मक और दूरगामी परिणाम हासिल करने वाला साबित होगा.