रायपुर:कोरोना संक्रमण के दौरान एक ऐसा दौर भी आया कि कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की संख्या कम पड़ने लग गई थी. अप्रैल में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे थे. इन हालातों से निपटने के लिए रेलवे भी आगे आया. 70 से 80 लाख के खर्च से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने लगभग 105 आइसोलेशन कोच तैयार किए थे. ताकि कोरोना मरीजों का सतर्कता के साथ इलाज हो सके. इन आइसोलेशन कोच को अभी दुर्ग में रखा गया है. यह आइसोलेशन कोच रायपुर के लिए ही बनाए गए थे, हालातों को देखते हुए इसका इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक रेलवे को इन आइसोलेशन कोचों का इस्तेमाल करने को लेकर कोई निर्देश ही नहीं दिए. अब ये आइसोलेशन कोच दुर्ग में रखे-रखे जंग खा रहें हैं.
अप्रैल में लगभग 70-80 लाख की लागत से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रायपुर रेल मंडल के लिए 105 आइसोलेशन कोच बनाए गए थे. लेकिन पिछले 7 महीने से अब तक इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया है. रखे-रखे अब उपकरण खराब होने लगे हैं. हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम है. लेकिन ठंड में आंकड़ा बढ़ सकता है. जिसको लेकर यह कोच अभी भी तैयार है. राज्य सरकार के आदेश के बाद इसे एक हफ्ते में तैयार कर सरकार को दे दिया जाएगा.
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आइसोलेशन कोच का खर्च-
- 70-80 लाख की लागत से तैयार किए गए थे कोच
- एक कोच में 8 बेड की सुविधा
- 105 कोच में से 90 कोच रायपुर के लिए तैयार किए गए
- जिनमें लगभग 700 बैड तैयार हैं