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Adsmeta Scandal की न्यायिक जांच रिपोर्ट विधानसभा में की जाएगी पुटअप: भूपेश बघेल - Adsmeta case was submitted to government

एड़समेटा मामले (adsmeta case) की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट के सरकार को मिलने की पुष्टि खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने की.

Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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Published : Sep 11, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 8:28 PM IST

रायपुर: एडसमेटा कांड (adsmeta scandal) की न्यायिक जांच पूरी हो गई है. एड़समेटा मामले (adsmeta case) की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट के सरकारको मिलने की पुष्टि खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने की. हालांकि उन्होंने गोपनीयता के चलते इस रिपोर्ट में दर्ज बातों का उल्लेख नहीं किया है.

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सरकार को सौंपी गई एड़समेटा मामले की जांच रिपोर्ट

एड़समेटा कांड की जांच रिपोर्ट जस्टिस व्हीके अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग (special judicial inquiry commission) ने डेढ़ माह पूर्व 26 जुलाई को राज्य सरकार को सौंप दी थी. इस पर राज्य कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में सदन के सामने रखने का निर्णय लिया गया है.

विधानसभा में पुटअप करने के बाद सार्वजनिक की जाएगी जांच रिपोर्ट: भूपेश बघेल

इस रिपोर्ट के मिलने की पुष्टि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी रवाना होने से पहले की. सीएम भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट सरकार को मिल गई है, जिसे विधानसभा में पुटअप किया जाएगा. उसके बाद ही रिपोर्ट के तथ्यों को सार्वजनिक किया जाएगा. गोपनीयता के कारण इस मामले में बघेल ने अभी कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.

जांच रिपोर्ट विधानसभा में की जाएगी पुटअप: भूपेश बघेल

18 मई 2013 को एड़समेटा में ग्रामीणों पर हमला करने का है आरोप

झीरम घाटी नक्सली हमले (jhiram valley naxalite attack) के 8 दिन पहले सत्र 18 मई 2013 की रात बीजापुर जिले के गंगापुर थाना से 14 किलोमीटर एड़समेटा में बीज पंडुम (त्यौहार) मनाने के लिए एकत्र ग्रामीणों पर सुरक्षाबलों पर हमला करने का आरोप है. इस घटना में 8 लोग मारे गए थे. मरने वालों में तीन नाबालिग बच्चों सहित कुछ महिलाएं भी थी.

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कांग्रेस ने की थी जांच की मांग

पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई कथित मुठभेड़ की इस घटना पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने इस मामले को फर्जी बताते हुए घटना की जांच न्यायिक जांच, आयोग और सीबीआई से कराने की मांग की थी. अपना जांच दल भी घटना की जानकारी लेने के लिए एड़समेटा भेजा.

19 मई 2013 को न्यायिक जांच आयोग का किया था गठन

विपक्ष के दबाव के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने सरकेगुड़ा कांड की जांच कर रहे जस्टिस व्हीके अग्रवाल न्यायिक जांच आयोग को ही एड़समेटा कांड की भी जांच सौंप दी थी. 19 मई 2013 को न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था.

26 जुलाई 2021 को प्रदेश सरकार को सौंपी 126 पेज की जांच रिपोर्ट

आयोग ने पीड़ित पक्ष के 12 और सुरक्षा बल के 9 गवाहों को मिलाकर कुल 21 लोगों का बयान दर्ज किया है. आयोग ने 7 साल तक चली जांच के बाद इस साल 26 जुलाई 2021 को 126 पेज की जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी.

एड़समेटा कांड की सीबीआई कर रही है जांच

कुछ मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एड़समेटा कांड की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर याचिका लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर की एजेंसी से एड़समेटा कांड की जांच के आदेश दिए थे. जिसके तहत सीबीआई की जबलपुर इकाई की टीम घटना की जांच कर रही है. सितंबर 2019 में सीबीआई की टीम जांच के लिए एड़समेटा का दौरा किया था. उस समय सीबीआई की जांच में कुछ ग्रामीणों का बयान भी दर्ज किया है.

Last Updated : Sep 11, 2021, 8:28 PM IST

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