रायपुर:छत्तीसगढ़ मेंकांग्रेस सरकार को ढाई साल पूरे होने जा रहे हैं. इन ढाई सालों में विभिन्न विभागों के कई प्रोजेक्ट लटके हुए हैं. उनपर अबतक काम नहीं हो सका है. यदि हाउसिंग बोर्ड Chhattisgarh Housing Board की बात की जाए तो यहां भी कई प्रोजेक्ट अटके पड़े हुए हैं. ढाई सालों में हाउसिंग बोर्ड ने अभी तक कोई भी नया प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं किया है. आलम यह है कि हाउसिंग बोर्ड के बनाए गए मकानों और फ्लैट्स को एक खरीदार भी नहीं मिल रहा है. आखिर इसकी वजह क्या है ? आने वाले समय में हाउसिंग बोर्ड की क्या योजनाएं हैं ? क्या नए प्रोजेक्ट हाउसिंग बोर्ड ला सकता है ? किस तरह इन मकानों को बेचने के लिए नई स्कीम पर काम कर सकता है. इन तमाम सवालों पर ईटीवी भारत से छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने खास बातचीत की है.
सवाल: हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद आपकी क्या प्राथमिकताएं थी ?
जवाब: भाजपा ने 15 साल में जहां-जहां मकान बनाये थे, उन मकानों में भ्रष्टाचार किया गया है. ऐसी जगह मकान बना दिए गए. जहां उसकी आवश्यकता ही नहीं थी. मकान बनाकर आधी अधूरी बिल्डिंग खड़ी कर दी गई. आज भी 1000 करोड़ की प्रॉपर्टी पूरे प्रदेश में पड़ी है. जो बिक नहीं रही है. हमारी कोशिश है कि मकानों को बेचा जाए. उसके लिए इन मकानों के दाम कम किए जाने पर विचार किया जा रहा है. सिर्फ लागत पर मकान बेचने की योजना बना रहे हैं. मकान बेचने के दौरान ब्याज या अन्य किसी तरह का लाभ नहीं लिया जाएगा. आगामी दिनों में होने वाली बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा. लोगों को सस्ता मकान मिलेगा ऐसी हमारी प्राथमिकता है.
सवाल: भाजपा के शासनकाल में हाउसिंग बोर्ड के कई ब्रिज प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था, लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, अधिकतर प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, उन पर काम नहीं हो रहा है, इसकी क्या वजह मानते हैं ?
जवाब: भाजपा सरकार में जो प्रोजेक्ट चल रहे थे वह बिके कहां हैं, सिर्फ दीवारें खड़ी कर देना प्रोजेक्ट नहीं होता है. सरकार का पैसा लगाकर आधी-अधूरी बिल्डिंग खड़ी कर दो. ऐसे प्रोजेक्ट का क्या मतलब है. यह कोई संस्था नहीं है जो अपना नुकसान करके काम करा दिए. मैंने सबसे पहले यही किया है कि जिस जगह पर भी मकान बनाना है, उसका स्थल निरीक्षण करेंगे. स्थल निरीक्षण के बाद जितनी हमारे पास उसकी डिमांड आएगी, उतने का नए मकान बनाएंगे. हम जबरदस्ती कहीं पर भी बिल्डिंग बना कर खड़ा नहीं कर देंगे.
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सवाल: तो क्या पिछली सरकार ने बिना किसी योजना के इन भवनों को बनाया है ?
जवाब: बीजेपी शासनकाल में सिर्फ बिल्डिंग खड़ी कर दी गई. दरवाजे की लोहे की ग्रिल चोरी हो रहे हैं. भाजपा के लोगों ने इन बिल्डिंग के निर्माण में खुलकर भ्रष्टाचार किया है. हमने कोशिश की है कि इस प्रकार के कामों को रोका जाए. पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण बहुत सारे काम लटक गए हैं. बहुत सारे काम रूक गए. हम अभी काम शुरू करने वाले थे कि कोरोना की दूसरी लहर आ गई. उसके कारण हमारे बहुत सारे काम अधूरे रह गए हैं.
'अभी मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी आवास योजना की स्वीकृति दी है. अब हमने राजीव गांधी आवास योजना के तहत पूरे प्रदेश में जमीन की मांग की है. हमारा उद्देश्य है कि सरकारी जमीन शहर के अंदर रहे. हम सस्ते में लोगों को मकान बनाकर दें. गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को मकान उपलब्ध कराएंगे. जहां-जहां जमीन मांगी है वहां जमीन मिल रही है. कई जगह पर कलेक्टर चेंज हो गए हैं. उन कलेक्टर्स से चर्चा कर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे'.
सवाल: आपने कहा कि भाजपा शासनकाल के बहुत सारे प्रोजेक्ट लंबित पड़े हुए हैं. आप अपना प्रोजेक्ट लाने की बात कर रहे हैं. इससे ऐसा नहीं होगा कि पुराने प्रोजेक्ट लंबित रह जाएंगे और फिर से नया प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा ?
जवाब: सबसे पहले हम पुराने मकानों को बोर्ड की बैठक में लाकर उसके दाम कम करेंगे. दाम इतना करेंगे कि हमारी जितनी लागत है, वह बस निकल आए. उसके अलावा एक रुपये भी बोर्ड को नहीं चाहिए.
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सवाल: हाउसिंग बोर्ड के मकान और प्राइवेट बिल्डर के मकानों के दाम अब लगभग समान हो गए हैं. ऐसे में हाउसिंग बोर्ड के मकान कौन खरीदेगा ?
जवाब:हमने तो पहले ही कहा कि बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव रखने जा रहे हैं कि हाउसिंग बोर्ड के सभी मकानों के दाम कम किए जाए. रेट में कमी करेंगे तो देखिएगा हमारे बहुत सारे मकान बिक जाएंगे.
सवाल: ऐसा नहीं लगता कि इस काम के लिए आपने काफी देर कर दिया गया, लगभग ढाई साल का समय गुजर चुका है ?