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SPECIAL: लॉकडाउन के दौरान 'डाटा' का सहारा, बढ़ी इंटरनेट की खपत

लॉकडाउन में आम लोगों को सबसे ज्यादा मदद इंटरनेट और डाटा से मिली है. जिसकी वजह से कई लोगों की रोजी-रोटी चली. इसके अलावा सबसे ज्यादा युवाओं के लिए यह सबसे बड़ा सहारा बना.

net browsing increased in lockdown
डाटा और इंटरनेट तेरा सहारा

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Published : Jun 14, 2020, 6:36 PM IST

रायपुर:कोरोना वायरस पूरे विश्व में महामारी का कारण बना हुआ है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं भारत में भी इसका प्रकोप देखने को मिल रहा है. आंकड़े की बात की जाए तो भारत में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 3 लाख तक पहुंच गया है. मार्च में कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए पूरे देश में शुरुआती तौर पर 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया. जिसके बाद से लॉकडाउन 2 और लॉकडाउन 3 भी देश में लाया गया, जिसमें लोगों को घरों में रहने की और बिना आवश्यक काम के घरों से बाहर निकलने की मनाही थी, लॉकडाउन 4 में सरकार ने लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी. इस दौरान बाजारों को भी खोल दिया गया है पर अभी भी बहुत सारे लोग कोरोना संक्रमण की दहशत के कारण घर में ही ज्यादा समय बिता रहे है.

लॉकडाउन में रहा इंटरनेट और डाटा का सहारा

लॉकडाउन में बढ़ा डाटा और इंटरनेट का यूज

स्कूल और कॉलेज बंद होने की वजह से ज्यादातर स्टूडेंट इस दौरान घरों में ही रह रहे है, जिससे इंटरनेट डाटा का यूसेज भी कई गुना बढ़ गया है. स्टूडेंट ना सिर्फ डेटा का इस्तेमाल कर पढ़ाई कर रहे है बल्कि ऑनलाइन गेम्स, फिल्में और दूसरे कई तरीकों से अपने आप को बिजी रख रहे है. इंटरनेट आजकल हर किसी के मोबाइल में होता है और आप इंटरनेट के माध्यम से देश-दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से जुड़ सकते हैं. इस वजह से आज भारत में डाटा का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है.

छोटे बच्चे मोबाइल, लैपटॉप, टैब पर कार्टून देखने में बिजी

घरों में रहने वाले छोटे बच्चों के लिए इंटरनेट जहां कार्टून देखने और दूसरी चीजें सीखने का काम आ रहा है तो वहीं छात्रों और दूसरे कोर्स करने वाले बच्चों के लिए इंटरनेट काफी अच्छा सीखने का जरिया बन गया है, लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन क्लासेज ज्यादा चल रही है, जिससे छात्र घर में रहकर ही अब क्लासेस अटेंड कर रहे है.

काम करने का नया तरीका

लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ज्यादातर कंपनियां बंद रही. तो वहीं ऐसे भी कई क्षेत्र थे जहां एक भी दिन काम बंद नहीं हुआ और कोरोना और लॉकडाउन के दौरान भी यहां काम निरंतर चलता रहा, ऐसी कंपनियों में काम मुमकिन हो पाया डाटा से. डाटा और इंटरनेट के जरिए ही कई कंपनियों ने अपने एंप्लॉई को वर्क फ्रम होम की सुविधा दी, इससे ना सिर्फ घर बैठे काम हुआ बल्कि लॉकडाउन के नियम भी पूरे किए गए.

ऑनलाइन शॉपिंग के साथ घरों में नई-नई रेसिपी भी बनी

लॉकडाउन के दौरान पूरा देश बंद हो गया, सभी अपने-अपने घरों में ही रहे. ऐसे में जरूरत की चीजों की पूर्ति लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए की. इसमें ना सिर्फ जरूरत का सामान बल्कि कपड़े, जूते और कई दूसरी चीजें भी लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए मंगाई. वहीं घरों में रहने के दौरान परिवार के लोगों की नई-नई खाने की फरमाइश भी इंटरनेट और डेटा के जरिए पूरी हुई, लोगों ने कई रेसिपी ऑनलाइन देखी और उसे घर पर बनाया.

अब सारे काम सिर्फ ऑनलाइन

डेटा और इंटरनेट का यूज कर अब हर काम ऑनलाइन ही किया जा रहा है, किसी को पैसे ट्रांसफर करना हो, बिजली बिल जमा करना हो या फिर बैंक की EMI चुकानी हो, सभी काम डेटा और इंटरनेट के जरिए मोलाइल और कंप्यूटर के जरिए पूरा किया जा रहा है. जिसने जिंदगी आसान बना दी है.

खतरनाक भी है इंटरनेट

लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है जो काफी खतरनाक है. डेटा के कारण मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करने से एक तरफ जहां बच्चों की आंखे खराब हो रही है, वहीं बड़े भी इसके एडिक्ट हो जा रहे है.

साइबर एक्सपर्ट की राय

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि लॉकडाउन के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ा है और ना सिर्फ इंटरनेट का इस्तेमाल बल्कि जितनी एप्लीकेशन पहले इस्तेमाल की जाती थी, आज उससे ज्यादा एप्लीकेशन लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. चाहे फोटो एप्लीकेशन की बात करे या वीडियो एप्लीकेशन की, या अन्य कोई भी एप्लीकेशन. एक्सपर्ट की मानें तो किसी भी एप्लीकेशन को इस्तेमाल करने से पहले उसकी प्राइवेट पॉलिसी को जानना बहुत जरूरी है. कोई भी ऐप इस्तेमाल करने से पहले वह यूजर का एक्सेस परमिशन मांगता है ऐसे में यूजर को ये देखना होगा कि ऐप कौन-कौन से एक्सेस परमिशन मांग रहे है. और उस एक्सेस परमिशन से वह हमारे किस-किस तरह का डाटा इस्तेमाल कर सकते हैं. एप्लीकेशन को इस्तेमाल करते समय हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि हमारा डाटा किसी गलत हाथों में तो नहीं जा रहा है.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन में टेक्नोलॉजी ने पूरी दुनिया को जोड़ने का काम किया है. फिर चाहे वो मोबाइल फोन हो या टेलीविजन. इतने लंबे समय तक घर बैठे लोगों ने ना सिर्फ अपने आप को इन गैजेट्स के जरिए इंटरटेन की मदद अपने कई काम भी निपटाए. मोबाइल और डेटा यूज से ना सिर्फ लोगों ने इस मुसीबत के समय में अपने से दूर रहे लोगों से जी भरकर बात की बल्कि डेटा का इस्तेमाल कर पढ़ाई, वर्क फ्रॉम होम, शॉपिंग और इसी तरह के कई काम भी पूरे किए.

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