रायपुर/हैदराबाद: अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस का उद्देश्य सीमा शुल्क प्रशासन के नेतृत्व, मार्गदर्शन और समर्थन को बढ़ावा देना है क्योंकि विश्व सीमा शुल्क संगठन मानता है कि सीमाएं विभाजित होती हैं. लेकिन यह सीमा शुल्क, देशों के बीच संबंध स्थापित करती है. विश्व सीमा शुल्क संगठन ने 1953 में पहली बार यह दिवस मनाने की शुरुआत की थी. तब इसका नाम सीमा शुल्क सहयोग परिषद था, जिसका नाम 1994 में बदलकर विश्व सीमा शुल्क संगठन कर दिया गया.
भारत और पाकिस्तान साझा करते हैं 3323 किलोमीटर लंबी सीमा:भारत की 15106.7 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ 7 देश अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करते हैं, जिनमें बांग्लादेश, चीन, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, म्यांमार और पाकिस्तान हैं. इसमें से सबसे लंबी सीमा 3323 किमी पाकिस्तान के साथ जुड़ी है. 15106.7 किमी लंबी सीमा भारत के केंद्र शासित प्रदेशों सहित 18 राज्यों और 92 जिलों से होकर गुजरती हैं. इसके अलावा भारत मालदीव, श्रीलंका और इंडोनेशिया के साथ अपनी समुद्री सीमा भी साझा करता है.
7516 किलोमीटर है भारत की तटरेखा:भारतीय7516.6 किमी लंबी तटरेखा 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हैं.
पश्चिम बंगाल में राज्यों की सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा:राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी भारत में हैं. पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा 2509.7 किमी लंबा, राजस्थान में 1170 किमी और अरुणाचल प्रदेश में 1817 किमी लंबी है. नागालैंड की सबसे छोटी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. यह केवब 125 किमी है. इस दिवस का उदेश्य यह है कि लोग अपने देश की सीमाओं को लेकर जागरुक रहें.