रायपुर : छत्तीसगढ़ में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मरीजों को तो मिल रहा है, लेकिन सरकारी अस्पताल में हितग्राहियों की संख्या बहुत कम है. खासकर दंत रोग और मोतियाबिंद सर्जरी की. यही वजह है कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी एनएचए के CEO डॉ. इंदु भूषण ने सीधे स्वास्थ सचिव निहारिका बारिक को पत्र लिखकर महत्वपूर्ण सलाह दी है कि आयुष्मान भारत योजना मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पताल के लिए आरक्षित कर दिए जाएं.
आयुष्मान योजना पर क्या है सरकार का रुख, पढ़ें
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी एनएचए के CEO डॉ. इंदु भूषण ने सीधे स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक को पत्र लिखकर आयुष्मान भारत योजना को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पताल के लिए आरक्षित किए जाने की सलाह दी है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ दोपहर 3 बजे मंत्रालय में बैठक करेंगे. इसमें स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा होगी. सिंहदेव बताया कि यह सच बात है कि इस योजना का 82 फीसदी लाभ प्राइवेट अस्पतालों को मिल रहा है. केवल 18% ही लाभ सरकारी अस्पतालों को मिल पा रहा है. ऐसे में या सुझाव केंद्र की ओर से आया है और हम भी इस पर विचार कर रहे हैं. बैठक में फैसला लिया जाएगा कि बीमा योजना को ट्रस्ट मॉडल पर लागू किया जाए या फिर कुछ और. कई गड़बड़ियां भी उजागर हुईं.
बता दें कि लंबे समय से यह बात सामने आ रही है कि बड़ी संख्या में प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव सर्जरी और दंत उपचार निजी अस्पतालों में ज्यादा हुए हैं. करोड़ों करोड़ों रुपए अस्पतालों को भुगतान भी किए गए. इस दौरान कई गड़बड़ियां भी उजागर हुई हैं. इसके प्रमाण मिले हैं. जुर्माना और कानूनी कार्यवाही भी हुई है. बावजूद इसके सरकारों ने कोई ऐसी व्यवस्था नहीं हुई कि सरकारी अस्पताल में इन सभी सुविधाओं के पैकेज को आरक्षित कर दिया जाए. अब इस मामले में सीधा केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है.