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इन खिलाड़ियों ने दिलाई भारत को वैश्विक पहचान - भारतीय दिग्गज खिलाड़ी

आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर ईटीवी भारत देश के दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं.इन खिलाड़ियों ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना परचम लहराया है.

Indian legend players
भारत के दिग्गज खिलाड़ी

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Published : Aug 13, 2022, 6:17 PM IST

रायपुर:भारत अपनी आजादी का 75वां साल मना रहा है. इस मौके पर हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. इस मौके को खास बनाने के लिए जहां केंद्र की मोदी सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. वहीं, तमाम संस्थाएं भी आजादी के 75वें साल के जश्न को यादगार बनाने में लगी हुई हैं. खेल की दुनिया भी इससे अछूती नहीं है. भारत ने हाल ही में संपन्न बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया है, जिससे देश का पूरे विश्व में नाम ऊंचा हुआ है. भारत के कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपना परचम लहराया है.

मंसूर अली खान पटौदी:21 साल और 77 दिन की उम्र में मंसूर अली खान पटौदी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बनाए गए. कई वर्षों तक दुनिया के सबसे कम उम्र के कप्तान रहे बाद में वेस्ट इंडीज के ततेन्दा तैबु ने मई 2004 में इस रिकॉर्ड को तोड़ा. पटौदी ने 16 साल की उम्र में अपना फर्स्टक्लास क्रिकेट डेब्यू किया था. एक कार एक्सीडेंट में अपनी बांयी आंख में कांच लगने के छह महीने बाद ही उन्होंने अपने करियर के खत्म होने की भविष्यवाणी को खारिज करके क्रिकेट जगत में वापसी कर ली थी और जबरदस्त प्लेयर के रूप में उभरे.

सुनील गावस्कर:सुनील गावस्कर ने विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हजार रन, 34 शतक, नौ हज़ार से अधिक रन, सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाये हैं. वे 100 कैंचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं. सुनील गावस्कर को 1975 में 'अर्जुन पुरस्कार' और 1980 में 'विस्डेन' से सम्मानित किया चुका है. वे अपनी कप्तानी में भारत को एशिया कप और बेंसेज और हेजेस कप जिता चुके हैं.

कपिल देव:भारत को 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जिताने कपिल देव का पूरा नाम कपिल देव राम लाल निखज है. विस्डेन ने 2002 में उन्हें सदी का भारतीय क्रिकेटर चुना. कपिल ने 225 एक दिवसीय और 131 टेस्ट मैच खेले। एक दिवसीय क्रिकेट मे उन्होने 23.79 की औसत से 3783 रन बनाये तथा टेस्ट क्रिकेट मे उन्होने 31.05 की औसत से 5248 रन बनाये. तेज गेंदबाज के तौर पर उन्होने एक दिवसीय मेंचों में 253 और टेस्ट क्रिकेट मे 434 विकेट लिये हैं. 1983 के विश्व कप के सेमी फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गयी, उनकी 175 रन की पारी हमेशा यादगार रहेगी.

सचिन तेंदुलकर:सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं. भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले सचिन सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं. वे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं. सन 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है. उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक बनाये हैं. टेस्ट क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं. वे एक दिवसीय और टेस्ट मैच में 100 शतक बनाकर शतकों का शतक बना चुके हैं.

महेंद्र सिंह धोनी:माही के नाम से फेमस भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट में विकेट कीपर की जिम्मेदारी संभालते हैं. महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है. धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड-टी20 (2007 में), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011 में) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013 में) का खिताब जीत चुका है.

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प्रकाश पादुकोण:भारतीय बैडमिंटन को शीर्ष दुनियाभर में ख्याति दिलाने में पहला नाम जिस खिलाड़ी का आता है, वो खिलाड़ी हैं प्रकाश पादुकोण का. प्रकाश पादुकोण ने 1978 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था. 1980 में दुनिया के नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी रहे प्रकाश पादुकोण ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशीप जीतने वाले पहले खिलाड़ी थे. पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रकाश पादुकोण ने एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशीप में और अन्य अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक मेडल जीतते हुए देश में हॉकी को काफी लोकप्रियता दिलाई. वे भारतीय बैडमिंटन के पहले पोस्टर बॉय थे.

पीवी सिंधु:वर्तमान समय में पीवी सिंधु दुनिया की श्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं. सिंधु भारत की एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार दो बार ओलंपिक में मेडल जीते. उन्होंने रियो में सिल्वर और टोक्यो ओलंपिक में सिंगल में ब्रांज मेडल जीता था. वर्ल्ड चैंपियनशीप, साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने के साथ ही दो बार कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंगल में गोल्ड जीता है. हाल में संपन्न कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है. वर्तमान में पीवी सिंधु भारत की सबसे बड़ी बैडमिंटन स्टार होने के साथ साथ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं.

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