रायपुर: हाथियों के लिए मीडिया में उपयोग हो रहे डरावने शब्दों के उपयोग को बंद करने के लिए भारत सरकार ने कुछ निर्देश जारी किए हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment Forest and Climate Change) ने छतीसगढ़ समेत 17 प्रोजेक्ट एलीफेंट राज्यों के मुख्य वन जीव संरक्षकों (Chief Conservator of Forests) को पत्र भेजकर अपने अपने प्रदेश में मीडिया के साथ सहयोग कर उचित कदम उठाने को कहा है. ताकि मीडिया हाथियों के लिए उचित एवं सभ्य शब्दों का उपयोग करे.
एक वन्यजीव प्रेमी (Wildlife Lover) ने भारत सरकार को पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि जिस प्रकार हाथियों के लिए डरावने शब्दों का उपयोग मीडिया में हो रहा है, उससे आने वाली पीढ़ी हाथियों को उसी प्रकार दुश्मन मानने लगेगी जैसे कि मानव अमूनन सांपों को दुश्मन मान लेता है और देखते ही मारने का प्रयत्न करता है. जबकि 95 प्रतिशत सांप तो जहरीले ही नहीं होते लेकिन इसलिए मार दिए जाते हैं कि हमें बचपन से यही सिखाया जाता है कि सांप खतरनाक होते हैं. हाथियों के लिए भी यही होगा, जबकि हम सबको हाथियों के साथ रहना सीखना पड़ेगा.
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शब्दों का उपयोग और हाथियों के लिए संभावित खतरा
अमूमन हाथियों के लिए आतंकी, उत्पाती, हत्यारा, हिंसक, पागल, बिगड़ैल, गुस्सैल, दल से भगाया हुआ, हाथी ने मौत के घाट उतारा, सिरदर्द बना हुआ है. जान का दुश्मन, टोही इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है. जबकि हाथी ही एक मात्र ऐसा वन्य प्राणी है जिसके लिए दुनिया में सबसे अच्छे शब्दों जैसे कि मैजेस्टिक, रीगल, महान, जेंटल, डिग्निफाइड जीव, आला दर्जे का जीव जैसे शब्दों का उपयोग होता है. हाथी को दुनिया के सभी धर्मों में पवित्र प्राणी माना गया है. भारतीय शास्त्रों में हाथी को पूजना गणेश जी को पूजना माना जाता है. हाथी को शुभ शकुन वाला एव लक्ष्मी दाता माना गया है. भारत में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड (National Wildlife Board) की स्थाई समिति की 13 अक्टूबर, 2010 को हुई बैठक में हाथियों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करा है.
क्या कहना है वन्यजीव प्रेमियों का
वन्यजीव प्रेमी (Wildlife Lover) नितिन सिंघवी ने बताया कि वर्तमान में पदस्थ एवं पूर्व में पदस्थ प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) छत्तीसगढ़ को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मिलकर सुझाव दिया था कि इस प्रकार के शब्दों को ना प्रकाशित के लिए मीडिया को सुझाव दिया जा सकता है. लेकिन ऐसा लगा कि मानव हाथी द्वंद के प्रति वे चिंतित नहीं है. मजबूर होकर उन्होंने भारत सरकार को सुझाव प्रेषित किया था.