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किसानों के 'मिट्टी सत्याग्रह' में छत्तीसगढ़ की मिट्टी भी पहुंचेगी सिंघु बॉर्डर

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मिट्टी सत्याग्रह कर रहे हैं, जिसमें सभी राज्यों से मिट्टी इकट्ठी की गई है. दिल्ली सीमा पर शहीद किसानों के स्मारक के लिए छत्तीसगढ़ से भी मिट्टी लेकर तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में मूलचंद साहू, रतन गोंडाने, रेखा गोंडाने, सरस्वती गोंडाने आज यानी 6 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पहुचेंगे, जहां देशभर की मिट्टी इकट्ठा की जाएगी.

mitti satyagrah
मिट्टी सत्याग्रह

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Published : Apr 6, 2021, 9:45 AM IST

Updated : Apr 6, 2021, 11:47 AM IST

रायपुर: केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में लगातार किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. वे इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों ने मिट्टी सत्याग्रह भी चलाया है, जिसके लिए देशभर से मिट्टी इकट्ठा की जा रही है. मिट्टी सत्याग्रह में छत्तीसगढ़ से भी मिट्टी लेकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के आह्वान पर पदाधिकारी दिल्ली रवाना हुए. वे आज दिल्ली पहुंचेंगे.

छत्तीसगढ़ से मिट्टी लेकर रवाना होते समय अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने मांगें पूरी होने तक किसान आंदोलन जारी रहने की बात कही.

मिट्टी सत्याग्रह

किसानों का मिट्टी सत्याग्रह

इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को आने वाली पीढ़ी याद रखे, इसके लिए 30 मार्च से देशभर में मिट्टी सत्याग्रह का आयोजन किया जा रहा है. इस सत्याग्रह की शुरुआत गुजरात के दांडी से हुई है. तेजराम विद्रोही ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास है. वहीं नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ भी मजदूरों और किसानों ने अपनी कुर्बानी दी है, इसलिए छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को सोनाखान से मिट्टी यात्रा की शुरुआत की गई और राज्य के अलग-अलग कोने से मिट्टी इकट्ठी की गई. मिट्टी लेकर तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में मूलचंद साहू, रतन गोंडाने, रेखा गोंडाने, सरस्वती गोंडाने आज यानी 6 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगे, जहां देशभर की मिट्टी इकट्ठा की जानी है.

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प्रदेश के इन जगहों की मिट्टी शामिल

  • 1857 अनाज आंदोलन में शहीद वीर नारायण सिंह के जन्मभूमि सोनाखान की मिट्टी
  • 1910 भूमकाल आंदोलन की भूमि नेतानार बस्तर की मिट्टी
  • 1920 नहर सत्याग्रह कंडेल, जिला धमतरी की मिट्टी
  • 1930 जंगल सत्याग्रह की भूमि तमोरा, जिला महासमुन्द की मिट्टी
  • 1977 में अनुसुइया बाई और 11 शहीद, उस जगह की मिट्टी
  • 1991 में शहीद शंकर गुहा नियोगी की शहादत भूमि दल्लीराजहरा जिला बालोद की मिट्टी
  • 1990 में शहीद रमेश परिडा की शहादत भूमि अभनपुर, जिला रायपुर की मिट्टी
  • 1990 में शहीद दरशराम साहू और डॉ पूर्णेन्दु घोष की शहादत भूमि लाल खदान जिला बिलासपुर की मिट्टी शहीद किसानों के स्मारक में शामिल होगी.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित सुंदर लाल शर्मा चौक राजिम में श्रदांजलि सभा कर मिट्टी सत्याग्रहियों को लाल गमछा भेंट करते हुए और लाल गुलाल से तिलक लगाकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू और सदस्यगण रेखुराम, कोमन ध्रुव, नंदू ध्रुव, मोहनलाल, ललित कुमार ने सम्मान किया. वहीं अभनपुर तिगड्डा चौक पर हेमन्त टंडन, दलबीर सिंह, पुनुराम, देवसिंह ने स्वागत किया

रायपुर रेलवे स्टेशन पर आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक, मंडल सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, गोविंद चन्द्राकर, वेगेन्द्र सोनबेर, राजेन्द्र पटेल, मनोज साहू, संजय चन्द्राकर, नारद साहू ने 'कॉरपोरेट परस्त, किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी काला कानून वापस लो, शहीद किसान अमर रहे, इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ मिट्टी सत्याग्रहियों को विदा किया.

नारों से स्वागत

मिट्टी सत्याग्रहियों के बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर श्याम मूरत कौशिक, सलीम काजी, अजय राय, अम्बिका कौशिक, राजदीप छाबड़ा, यूसुफ हुसैन, रज्जाक अली, राजेन्द्र कौशिक, डॉ अशोक शिरोड़े ने इंकलाब जिंदाबाद, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारों के साथ स्वागत किया. शहीद दरसराम साहू और डॉ पूर्णेन्दु घोष की शहीदी मिट्टी तेजराम विद्रोही और रतन गोंडाने को भेंट किया.

न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून लागू करने, बिजली संशोधन बिल 2020 रद्द करने, प्रदूषण नियंत्रण कानून 2020 में किसान विरोधी कॉलम को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमाओं सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर, गाजीपुर और पलवल में किसान आंदोलन जारी है. आंदोलन पिछले चार महीनों से जारी है. इस दौरान करीब सवा सौ किसानों की मौत हो गई है.

Last Updated : Apr 6, 2021, 11:47 AM IST

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