रायपुर:कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आरोग्य सेतु ऐप काफी कारगर साबित हो सकता है. ऐसा दावा केंद्र सरकार के द्वारा किया जा रहा है. यही कारण है कि केंद्र सरकार ने देश की जनता से अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने कहां है. यहां तक कि यदि आप हवाई यात्रा या फिर किसी अन्य जगहों पर जाते हैं तो उस दौरान आरोग्य सेतु ऐप मोबाइल में होना अनिवार्य है. जिससे यह पता चल सके कि कहीं आपके आसपास कोई कोरेना संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है, या फिर आपसे किसी और को कोरोना संक्रमण का खतरा तो नहीं है. यदि आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित होता है तो यह आपको संकेत दे देता है इसके बाद आप उससे बचने के उपाय कर सकते हैं.
आरोग्य सेतु ऐप में कई खामियांलेकिन आरोग्य सेतु ऐप में कई खामियां भी है. जिसकी वजह से इसके उद्देश्यों की पूर्ति कामयाब नहीं हो पा रहा है. दरअसल आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के दौरान सबसे पहले ब्लूटूथ और लोकेशन ऑन करना पड़ता है, इसके साथ ही इसमें नाम सहित कई महत्वपूर्ण जानकारी भी भरनी होती हैं. जिसमें संबंधित व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देनी होती है. इसके बाद उस शख्स का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हो जाता है, और इस ऐप को इस्तेमाल किया जा सकता है.
ब्लूटूथ और जीपीएस पर काम करता है आरोग्य सेतु ऐप
आईटी एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के बाद कई तरह की जानकारियां देनी पड़ती है, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी होती है. ये डाटा सरवर सहित सरकार के पास चला जाता है. इसके बाद ID जनरेट होती है. इसी ID के आधार पर ही बाद में कोरोना से संबंधित जानकारी ऐप के माध्यम से मिलने लगती है. मोहित साहू ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप दो चीजों पर काम करता है ब्लूटूथ और जीपीएस पर. कहीं भी जाने पर ब्लूटूथ और जीपीएस ऑन रखना पड़ता है. जिससे कोरोना से संबंधित जानकारी मिलती रहती है. ये भी पता चलता है कि इस दौरान आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति तो मौजूद नहीं है.
आरोग्य सेतु ऐप में कई खामियां
मोहित साहू का कहना है कि आरोग्य सेतु ऐप में एक ये बड़ी खामी है कि यह तुरंत नहीं बताता है कि आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है या नहीं. डाटा अपलोड करने के 3 घंटे बाद आपको पता चलता है कि आप कितने कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आए. ये बात भी सामने आई है कि आरोग्य सेतु एप में डाटा अपलोड करने का ऑप्शन कई लोगों को समझ नहीं आ रहा है. खासकर पुराने लोग जो आज भी मोबाइल ऑपरेट करना ही सीख रहे हैं, ऐसे में वे इस ऐप में अपना डाटा अपलोड नहीं कर पाते हैं जिस वजह से सही जानकारी ऐप में अपलोड नहीं हो पाती है.ऐप में रिसेट डाटा अपलोड करने का एक ऑप्शन है जो ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता है. उसके अलावा ऐप में दूसरा अपलोड का भी ऑप्शन होता है जिसे अनजाने में कुछ लोग क्लिक कर देते हैं जबकि इस ऑप्शन का इस्तेमाल लोगों को कोरोना संक्रमित होने के बाद करना होता है. मोहित साहू ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से 10 किलोमीटर के अंदर कितने लोग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. कितने लोग संक्रमित हैं ऐसी कई जानकारी मिल जाती है.
3 लाख से ज्यादा लोग कर रहे आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल
रायपुर शहर में लगभग 10 किलोमीटर की रेंज में 3 लाख से ज्यादा ऐसे लोग है जो आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा 2 से 3 गुना लोग ऐसे भी है जिन्होंने आरोग्य सेतु मोबाइल में डाउनलोड तो कर लिया है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे है.. जानकारी के मुताबिक देश में लगभग 12 करोड़ से ज्यादा लोग आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस ऐप के द्वारा मोबाइल की बैटरी का ज्यादा उपयोग किया जाता है. क्योंकि इसमें लोकेशन के लिए जीपीएस और ब्लूटूथ लगातार ऑन रखना पड़ता है जिसकी वजह से बैटरी की ज्यादा खपत होती है.
आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता पर सिंहदेव ने उठाए सवाल
वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता पर ही सवाल खड़े किए हैं. सिंहदेव का कहना है कि इस ऐप को कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की जानकारी देने के लिए बनाया गया है. लेकिन जो भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति होगा वह ऐसे खुले में घूमता नजर नहीं आएगा, क्योंकि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के तत्काल बाद वह व्यक्ति या तो हॉस्पिटल जा चुका होगा या फिर कही और इलाज करा रहा होगा. सिंहदेव ने कहा कि ऐसे में आरोग्य सेतु ऐप कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मददगार साबित नहीं हो सकता है.
आधुनिक निगरानी प्रणाली है आरोग्य सेतु ऐप-राहुल गांधी
पहले भी इस आरोग्य सेतु ऐप को लेकर कांग्रेस की तरफ से सवाल खड़े किए गए थे. आरोग्य सेतु ऐप को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि आरोग्य सेतु ऐप एक आधुनिक निगरानी प्रणाली है. जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है.इससे कोई संस्थागत जांच परख नहीं है. इससे डाटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है.
अब देखने वाली बात है कि केंद्र सरकार के द्वारा इस आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता को बढ़ाने में क्या कदम उठाया जाता है. क्योंकि सरकार की अपील पर लोगों के द्वारा आरोग्य सेतु ऐप अपने मोबाइल में डाउनलोड तो कर लिया जा रहा है, लेकिन कुछ खामियों की वजह से वह लगातार इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से आरोग्य सेतु ऐप अपनी उपयोगिता पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पा रहा है.