रायपुर: सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन सुखमय और अखंड सौभाग्य के लिए करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं चौथ माता की पूजा करती हैं. रात में चंद्र दर्शन और अर्घ्य दान करने के बाद व्रत का पारण करती हैं. करवा चौथ 2022 का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर रविवार को यह व्रत रखा जाएगा.
इसलिए किया जाता है करवा चौथ:पौराणिक काल से यह मान्यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की. उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें. मगर यमराज ने उसकी बात नहीं मानी. इस पर सावित्री अन्न जल त्यागकर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी. काफी समय तक सावित्री के हठ को देखकर यमराज को उस पर दया आ गई. यमराज ने उससे वर मांगने को कहा. इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने का वर मांग लिया. सावित्री पतिव्रता नारी था और अपने पति के अलावा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी तो यमराज को भी उसके आगे झुकना पड़ा और सत्यवान को जीवित कर दिया. तभी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं सावित्री का अनुसरण करते हुए निर्जला व्रत करती हैं.
करवाचौथ का शुभमुहूर्त :हिंदी पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022 को प्रातः काल 1 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि 14 अक्टूबर 2022 को प्रातः काल 3 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी. करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 5:46 बजे से 6:50 बजे तक है. यानी कि इस दिन महिलाओं को पूजा के लिए इस बार करीब 1 घंटे का समय मिलेगा.