छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Gangaur Teej 2023: गणगौर तीज का महत्व और परंपरा

गणगौर तीज मध्यप्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है. मारवाड़ इलाके में इस त्यौहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्यौहार में सुहागिनें सज धजकर माता पार्वती की पूजा करती हैं.

Gangaur Teej 2023
गणगौर तीज का महत्व

By

Published : Mar 23, 2023, 5:33 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 6:20 AM IST

रायपुर: गणगौर तीज मध्य भारत में मनाया जाता है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है. राजस्थान संस्कृति, सभ्यता, रंग और परंपराओं के लिए जाना जाता है. यहां की लोक संस्कृति, खान पान, रहन सहन, वीरता और साहस की कहानियां काफी चर्चित हैं.लेकिन यहां के त्यौहारों की भी अपनी अलग पहचान है. उन्हीं में से एक पर्व है गणगौर तीज

कैसे मनाएं गणगौर तीज :इस दिन महिलाएं व्रत और उपवास रखती हैं.कुंवारी कन्याएं भगवान शिव के जैसा दुर्लभ गुणों वाले पति की कामना करते हुए इस पर्व को मनाती हैं. देश के कई हिस्सों में इसे गौरी तृतीया के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन कई तरह के योग भी बनते हैं. इस पर्व में माता पार्वती की पूजा श्रृंगार और आरती की जाती है.


कैसे होती है तैयारी : होलिका दहन के भस्म को इकट्ठा कर गोबर में मिलाकर कंडे के माध्यम से 16 पिंडी बनाए जाते हैं. जिनकी पूजा की जाती है. यह पर्व होली के लगभग 16 दिनों बाद मनाया जाता है. निमाड़ के क्षेत्र में तीन दिनों तक इस पर्व को मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- माता चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें


गणगौर तीज में विशेष श्रृंगार :गणगौर तीज के दिन माता के मंदिरों में रौनक देखने को मिलती है.इस दिन देवी का भव्य श्रृंगार किया जाता है. माता को लाल साड़ी या चुनरी भेंट में चढ़ाई जाती है.सुहागिनें हाथों में मेंहदी लगाकर श्रृंगार करती हैं. कई मंदिरों में माता का जगराता रखा जाता है. जिसमें माता के भजन गाए जाते हैं.इस दौरान भंडारे का भी आयोजन होता है. भक्त गणों को पूड़ी सब्जी और हलवा बांटा जाता है.कुछ स्थानों में गुड़ और चना देने की भी परंपरा है.

Last Updated : Mar 24, 2023, 6:20 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details