रायपुर:छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर पहले भी कई बार आवाज उठती रही है. कांग्रेस ने भी 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में शराब बंद करने का वादा किया था. हालांकि सत्ता में आने के 4 साल बाद भी भूपेश बघेल सरकार शराबबंदी पर फैसला नहीं पर पाई. विपक्ष के हो हल्ला करने बाद सीएम बघेल ने भी अपना रुख साफ किया. शराबबंदी करने से पहले समाज को शराब ही नहीं हर तरह के नशे से दूर करने के लिए अभियान छेड़ दिया. सीएम बघेल का मानना है कि शराबबंदी से समस्या हल नहीं होगी बल्कि युवा पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाने के लिए समाज को नशा मुक्त बनाना होगा.
सभी जिलों में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान:अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर सभी जिलों में जन जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाएगा. इस संबंध में समाज कल्याण विभाग की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं. नशापान करने के खिलाफ समाज में जागरूकता लाने के लिए स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं युवा कल्याण, महिला एवं बाल विकास, जनसम्पर्क, पंचायत, आबकारी और नगरीय प्रशासन विभाग को भी विशेष प्रयास करने को कहा गया है.
स्थानीय परंपरा का भी रखा जाएगा ध्यान:नशे की रोकथाम के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से समाज में जागरूकता लाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए स्थानीय संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखते हुए आयोजन करने को कहा गया है. भारत माता वाहिनी के माध्यम से पंचायतों में नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम होंगे. लोगों से संवाद स्थापित कर उन्हें नशा से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जाएगी. नशा और एड्स प्रभावित क्षेत्रों में भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा.