रायपुर : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का प्राथमिक लक्ष्य जनता को तम्बाकू के उपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें धूम्रपान और धूम्रपान रहित तम्बाकू उत्पादों का उपयोग शामिल है. तम्बाकू का सेवन विश्व स्तर पर रोकी जा सकने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है. जो कैंसर, हृदय रोग, श्वसन संबंधी विकार और अन्य पुरानी बीमारियों जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान देता है. यह दिन संपूर्ण रूप से व्यक्तियों, समुदायों और समाज पर तम्बाकू के विनाशकारी प्रभाव की याद दिलाता है.
World No Tobacco Day : विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व - वर्ल्ड नो टोबैको डे
वर्ल्ड नो टोबैको डे या विश्व तंबाकू निषेध दिवस लोगों को तंबाकू से होने वाले खतरों से आगाह करता है. पूरे विश्व में तंबाकू के सेवन से हर साल लाखों मौतें हो रहीं हैं. इसलिए लोगों को तंबाकू के खिलाफ जागरुक किया जा रहा है.
कब मनाया जाता है विश्व तंबाकू निषेध दिवस :विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है.इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में लोगों को हर साल जागरुक करता है.इस दिन जागरूकता बढ़ाने और तम्बाकू नियंत्रण उपायों को बढ़ावा देने के लिए कई गैर सरकारी संगठन, सरकारें और व्यक्ति गतिविधियों और अभियानों में भाग लेते हैं. इन गतिविधियों में जन जागरूकता अभियान, शैक्षिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य जांच और धूम्रपान समाप्ति कार्यक्रम के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है.
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नशामुक्ति को लेकर उठाए गए कदम :विश्व तंबाकू निषेध दिवस धूम्रपान करने वालों को नशे की आदत छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है. इस तरह तंबाकू मुक्त जीवन की दिशा में उनकी यात्रा में उनका समर्थन करता है. यह गैर-धूम्रपान करने वालों को सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क से बचाने और तंबाकू के उपयोग से मुक्त वातावरण बनाने के महत्व पर भी जोर देता है. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस वैश्विक तम्बाकू महामारी का मुकाबला करने और लोगों को इसके खतरे के प्रति आगाह करता है.