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Magh amavasya 2023 : माघ अमावस्या की तिथि और महत्व

माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है. माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व Mauni Amavasya ही है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व Importance and date of Mauni Amavasya है.

Importance of bathing in rivers on Mauni Amavasya
मौनी अमावस्या में नदियों में स्नान का महत्व

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Published : Jan 4, 2023, 5:54 PM IST

रायपुर / हैदराबाद : मौनी अमावस्या या Magh amavasya 2023 को सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिन माना जाता है.ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र गंगा नदी का पानी अमृत में बदल जाता है और मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान (Bathing in Ganga River) करना पवित्र है. ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के संचालक मनु का जन्म दिन भी इसी अमावस्या को हुआ था. माघ मास का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है।

माघ अमावस्या के दिन क्या करें :हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है.माघ अमावस्या के दिन किये जाने वाले धार्मिक कर्म, व्रत और नियम कई तरह के हैं जिनमें Mauni amavasya के दिन प्रातःकाल स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब और भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें. यदि आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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माघ अमावस्या का महत्व :माघ अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं यदि मौन रहना संभव न हो तो अपने मुख से कटु वचन न बोलें. वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है और अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं. इससे मन की स्थिति कमजोर रहती है. इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बताया गया है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा का विधान है.मौनी अमावस्या का दिन यदि हिन्दू धर्म के सबसे बड़े कुंभ के मेले के दौरान आता है तो यह दिन सबसे महत्वपूर्ण स्नान दिवस कहा जाता है. इस दिन को अमृत योग का दिन भी कहा जाता है. Importance and date of Mauni Amavasya

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