रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन अवैध रेत उत्खनन का मामला गूंजा. पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में कहा कि रेत उत्खनन में पर्यावरण के समस्त नियमों का पालन हो रहा है. 21 मई तक अवैध उत्खनन के 47 प्रकरण दर्ज हुए हैं. परिवहन कार्य पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण में किया जाता है.
विधायक बृजमोहन ने पूरे प्रदेश में कई जगहों पर हो रहे रेत के अवैध उत्खनन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि धमतरी में रेत माफिया जनप्रतिनिधियों पर हाथ उठा रहे हैं. जांजगीर में अधिकारियों के नाक के नीचे से रेत की तस्करी की जा रही है. लगातार अवैध रेत उत्खनन की वजह से प्रदेश में रेत के दाम बढ़ गए हैं.
सीएम भूपेश ने पूर्ववर्ती सरकार पर साधा निशाना
सीएम भूपेश ने जवाब देते हुए कहा कि अवैध रेत मामले पर 6 माह में 23 सौ से ज्यादा प्रकरण दर्ज किए गए हैं. सीएम ने पिछले भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार में रेत खनन में ज्यादा अव्यवस्था थी. तत्कालीन सरकार में रेत रॉयल्टी अधिकतम 13 करोड़ रुपए मिली थी. इसके अलावा सीएम बघेल ने जिलेवार प्रति हाइवा रेत की कीमतों की जानकारी दी. सीएम ने आगे कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार की बनाई गई नीतियों से प्रदेश को 50 से 60 करोड़ का राजस्व मिला है. राज्य सरकार की इस नीति से पंचायतों को भी फायदा होगा.
सीएम बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 15 अक्टूबर तक रेत के उत्खनन पर रोक लगाई गई है. इस दौरान रेत खनन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. राजधानी रायपुर में रेत की दर बताते हुए सीएम ने कहा कि रायपुर में रेत 10 से 12 हजार रुपए में बेची जा रही है. 107 रेत खदान अनुज्ञा जारी की गई है.
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रेत के मुद्दे को लेकर विधायक अजय चंद्राकर सहित नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सीएम बघेल को आड़े हाथों लिया और कई प्रश्न दागे. जिसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि अवैध उत्खनन के मामलों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है और आगे भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी माफिया गुंडागर्दी नहीं कर सकता, ऐसा करने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा. कड़ी कार्रवाई की जाएगी.