रायपुर: गुरुवार को नगर निगम रायपुर के नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे निर्माण कार्य के संबंध में शिकायत लेकर निगम कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने तेलीबांधा थाना से लेकर वीआईपी चौक तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण कार्य के संबंध में शिकायत किया. इसी दौरान भाजपा नेता और रायपुर निगम आयुक्त में तीखी बहस (Ruckus between Mayank Chaturvedi and Minal Choubey) हो गई. तीखी बहस इतनी बढ़ गई कि नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने रायपुर नगर निगम आयुक्त पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया. raipur divider scam
भाजपा नेता और रायपुर निगम आयुक्त में तीखी बहस क्या है पूरा मामला: नगर निगम रायपुर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे तेलीबांधा थाना से लेकर वीआईपी चौक तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण कार्य के संबंध में शिकायत करने निगम कार्यालय पहुंचे थे. इसी दौरान भाजपा नेता द्वारा बिना टेंडर के 80 प्रतिशत काम पूर्ण होने की बात पर तीखी बहस हो रही थी.इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने रायपुर नगर निगम आयुक्त पर ही भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगाया.
भाजपा नेता और रायपुर निगम आयुक्त में तीखी बहस: नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के आरोप पर निगमायुक्त मयंक चतुर्वेदी ने पलटवार (IAS Mayank Chaturvedi on divider scam) करते हुए कहा "आप सारे जवाब आज मांग रहे हैं. तो जनप्रतिनिधि नही हूँ मैं. जवाब आज नहीं दे सकता. मैं प्रक्रिया से जवाब दे सकता हूं और आप जो आरोप लगा रहे हैं, आपको मैं खुला चैलेंज करता हूं कि जहां मेरी शिकायत करनी है, कर दीजिये. मेरे अकाउंट की डिटेल निकाल कर देख लिजिए, मैं प्रक्रिया के तहत काम करता हूं और वैसा ही काम होगा."
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नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने टेंडर प्रक्रिया पर उठाए सवाल: इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि "नगर निगम आयुक्त के पास कोई जवाब नहीं रहता, तो वह विचलित हो जाते हैं. हमारा सीधा सीधा सवाल था, 26 अक्टूबर को 2 करोड़ रुपए का टेंडर विज्ञापन अखबारों में आया. जो एक तरह के ही कार्य थे, उसे 12 अलग-अलग पार्ट में डिवाइड कर टेंडर निकाला गया. जिस तारीख को टेंडर निकाला गया, उस दिन मौके पर 50% काम डिवाइडर का हो चुका था. पहले से ही अगर काम चल रहा था. तो टेंडर निकालने की क्या जरूरत थी. डिवाइडर केंद्रीकरण का ही काम था, तो उसे 12 अलग-अलग पार्ट में क्यों निकाला गया.
ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से बचने का लगाया आरोप:नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि "नियम यह है कि 20 लाख रुपए से कम की राशि का टेंडर है, तो वह मैन्युअल होता है. उससे अधिक की राशि का टेंडर ऑनलाइन होता है. ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से बचने के लिए एक ही प्रकृति के टेंडर को 12 अलग-अलग पार्ट में निकाला गया है. नगर निगम आयुक्त से जब इस संबंध में सवाल किया गया, तो उनका साफ कहना था, उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है."
रायपुर नगर निगम आयुक्त की कमजोरी: नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "कोई भी टेंडर का काम नगर निगम के आयुक्त के सिक्योरिटी के बिना नहीं होता. अगर ऐसा हो रहा है, तो कोई भी जोन आयुक्त अपनी मर्जी से कोई भी टेंडर निकाल दे रहे हैं, तो कहीं ना कहीं यह नगर निगम आयुक्त की कमजोरी है. क्योंकि उसके अधिनस्थ जोन आयुक्त उनकी जानकारी के बगैर ऐसा कर रहे हैं."