रायपुर: अक्सर महिलाओं को पति की प्रताड़ना के साथ ताने सुनने पड़ते हैं. जिसके बाद पीड़ित महिला या तो आत्महत्या करती है या फिर अपने हक के लिए लड़ती है. रायपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां बेटा न होने से नाराज पति के खिलाफ 9 माह की गर्भवती महिला आवाज उठा रही है. महिला की एक बेटी है. बेटी को पिता अपना नाम देने से इंकार कर चुका था. जिसके बाद पीड़ित महिला ने महिला आयोग की शरण ली. महिला आयोग की फटकार के बाद आखिरकार पति ने बच्ची को स्वीकार कर लिया.
महिला आयोग में चल रही सुनवाई
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की ओर से महिलाओं से सम्बंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई चल रही है. दो दिन से यह सुनवाई लगातार जारी है.सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला भी सामने आया था, जिसमें आवेदिका ने अपने पति के ताने से परेशान होकर शिकायत की थी. मामले में पति ने खुद के बच्चे और गर्भ में पल रहे 9 माह के बच्चे को भी स्वीकारने से इंकार कर दिया था. उसके साथ ही बच्ची के पिता का नाम किसी और के नाम पर करने की बात करता था. गर्भवती पत्नी की शिकायत के बाद आयोग ने पति को जमकर फटकार लगाई. जिसके बाद आरोपी पति ने बच्चे को स्वीकार कर लिया.