रायपुर: शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजा की जाती है. कहते हैं माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से सारी मुश्किलें दूर हो जाती हैं. ETV भारत पर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा उनकी पूजन विधि और लाभ के बारे में बता रहे हैं.
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा की पूजा भगवती ब्रह्मचारिमी के रूप में की जाती है. ब्रह्म का मतलब है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली. इस तरह ब्रह्मचारिणी का मतलब हुआ तप का आचरण करने वाली.
छात्र-छात्राओं को करनी चाहिए देवी की उपासना
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है. एकाग्रता बनी रहती है. छात्र-छात्राओं को विशेषकर भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना करनी चाहिए. देवी के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है.
कुंवारी कन्याओं होता है लाभ
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से कुवांरी कन्याओं को विशिष्ट लाभ मिलता है. ऐसी कन्याएं जिनकी शादी तय हो चुकी है लेकिन विवाह अब तक हुआ नहीं है ऐसी कन्याओं की भी पूजा करने का विधान माना गया है.