भोपाल। कोविड के साथ ही एक और चिंता का विषय है. अब कोविड से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस या म्यूकर माइकोसिस पाया जा रहा है. यह केसेस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं. यहां तक कि कुछ प्रदेशों ने इसे भी महामारी घोषित कर दिया है. ब्लैक फंगस (Black Fungus) के केसेस अब बच्चों में भी देखे जा रहे हैं. इस संबंध में डॉक्टर राहुल खरे पीडियाट्रिक्स (Pediatrics) ने सवाल-जवाब के माध्यम से समझाया कि ब्लैक फंगस शरीर में कैसे घर करता है और इससे कैसे बच सकते हैं. सामान्य सवाल-जवाब से समझें ब्लैक फंगस के बारे में.
सवाल: क्या है ब्लैक फंगस ?
जवाबःब्लैक फंगस (Black Fungus) का साइंटिफिक (Scientific) नाम म्यूकर माइकोसिस (Muker mycosis) या ब्लैक फंगस है. यह एक फफूंद की तरह होता है. ब्लैक फंगस वातावरण में पाये जाने वाले फफूंद की वजह से होता है. खासकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है।
सवालः किन्हें होता है ब्लैक फंगस ?
जवाबः अधिकतम यह कोरोना (Corona) से संक्रमित हुए मरीजों में होता है. ज्यादातर यह उन मरीजों में होता है, जिन्हें शुगर (Diabetes) की बीमारी हो या फिर उनकी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) कम हो. दरअसल ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक (Attack) करता है, जिनकी इम्यूनिटी (Immunity) कमजोर होती है. क्योंकि शुगर (Sugar) के मरीज लंबे समय से स्टेरॉइड्स (Steroids) का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में ब्लैक फंगस को शुगर के मरीजों को अपना शिकार बनाना आसान हो जाता है.
सवालः किन परिस्थितियों में होता है ब्लैक फंगस ?
जवाब: इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को होता है ब्लैक फंगस.
- जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हों.
- जो शुगर बीमारी से ग्रसित हों.
- जो लंबे समय से स्टेराइड ले रहे हों.
- जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो.
- जो लंबे समय से ऑक्सीजन पर हों.
- जिनका कैंसर का इलाज हो रहा हो.
- जिन्होंने शरीर का कोई अंग ट्रांसप्लांट (Transplant) कराया हो.
सवालः आंख से शुरू होकर मस्तिष्क तक कैसे पहुंचता है ब्लैक फंगस ?
जवाबः ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है. शुरुआती चरण में ब्लैक फंगस से न्यूरॉन (Neuron) और ओरोन (Oron) प्रभावित होने लगते हैं. इसके बाद न्यूरॉन और ओरोन में काले रंग का धब्बा आना शुरू हो जाता है. इसके बाद यह इंफेक्शन सांस के द्वारा न्यूरो साइनसिस (Neuro Synesis) में चला जाता है और फिर आंख के चारों तरफ इसके लक्षण पाये जाने लगते हैं. जिससे आंख के चारों ओर काला दाग पड़ने लगता है. इसको सायना आर्बिटल इंफेक्शन (Infection) कहते हैं. यहां से यह इंफेक्शन मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. इस अवस्था में यह घातक हो जाता है. ऐसे में मरीज की मृत्यु तक हो जाती है.
सवालः कैसे करें ब्लैक फंगस की रोकथाम ?