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सावधान: आधार, वोटर ID, मोबाइल और ई-मेल से भी खाली हो सकते हैं बैंक अकाउंट - online fraud with Debit Card

दुनिया आधुनिकता की ओर बढ़ती जा रही है. ऐसे में हर रोज लोगों को नई तकनीक से सामना होता है. नई तकनीक ने कई कामकाज को आसान बना दिया है. हाईटेक तरीके अब इंसानों के लिए खतरा बनते जा रहा है. साइबर ठग नई तकनीक का बखूबी फायदा उठा रहे हैं. एटीएम फ्रॉड, फोन हैकिंग, एटीएम से छेड़छाड़, फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी, बैंक अधिकारी बनकर फोन से ठगी की वारदातें लगातार सामने आ रही है. पढ़ें कैसे बचें ऑनलाइन ठगी से...

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मोबाइल और ईमेल ID कहीं अकाउंट न कर द खाली !

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Published : Jan 3, 2021, 5:51 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 2:40 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. पिछले तीन साल में हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी हो चुकी है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. हाईटेक तरीके अब इंसानों के लिए खतरा बनते जा रहा है. साइबर ठग नई तकनीक का बखूबी फायदा उठा रहे हैं. एटीएम फ्रॉड, फोन हैकिंग, ATM से छेड़छाड़, फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी और बैंक अधिकारी बनकर फोन से ठगी की वारदातें लगातार सामने आ रही है. पुलिस अपराधों पर लगाम कसने में लगी हुई है.

मोबाइल और ईमेल ID कहीं अकाउंट न कर दे खाली !

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साइबर क्राइम मामले बढ़ने की क्या है वजह ?
ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर सामानों की खरीदी करते हैं. ऐसे में वह अपने एटीएम कार्ड और ओटीपी को डायल करते हैं. इस वक्त सावधानी नहीं बरतते. ऐसे में आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं. आज के समय में लोग ज्यादा कर गूगल पर डिपेंड हो गए हैं. किसी भी काम के लिए या जानकारी के लिए लोग गूगल पर निर्भर हैं. यहीं वजह है कि आम लोग आसानी से ठगी का भी शिकार बनते जा रहे हैं. अकाउंट से पैसा कट हो जाने पर लोग कस्टमर केयर का नंबर गूगल से सर्च कर निकालते हैं. उससे फोन करते हैं. ठग कस्टमर केयर बनकर लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बना लेते हैं.

रायपुर में साइबर अपराध

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आधार कार्ड और एटीएम कार्ड से डेटा की चोरी
कई बार ठग कस्टमर केयर या बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं. कहते हैं कि आपका आधार कार्ड या एटीएम कार्ड को बैंक अकाउंट से जोड़ना है. ओटीपी आने पर उन्हें बता दें. लोगों का भरोसा जीत कर ठग आसानी से चूना लगा देते हैं. फोन इस्तेमाल करते वक्त ज्यादा कर लोग फोन की सिक्योरिटी या सेफ्टी का ख्याल नहीं रखते हैं. अपनी निजी डेटा को पब्लिक कर देते हैं. ठगों के लिए आसानी हो जाती है. किसी भी डाटा को चोरी कर लेते हैं.

साइबर ठगों से कैसे बचें

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आधार कार्ड का अपराधिक मामलों में इस्तेमाल
हैकर्स टीएम कार्ड, आधार कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल से डाटा चुरा लेते हैं. क्रेडिट और आधार कार्ड में पूरी जानकारी होती है. व्यक्ति के कई निजी जानकारियां रहती है. आधार कार्ड में व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर, एड्रेस सभी रहता है. कई बार अपराधिक मामलों को अंजाम देने के लिए ठग दूसरों के आधार कार्ड को कॉपी कर लेते हैं. आधार कार्ड का अपराधिक मामलों के लिए इस्तेमाल करते हैं.

धोखाधड़ी से बचने के तरीके

हैकर्स डेटा का इस्तेमाल कर करते हैं अपराध
ईमेल आईडी में भी कई निजी डेटा रहते हैं. ईमेल आईडी से हैकर्स आसानी से लोगों के मोबाइल को एक्सेस कर लेते हैं. इसीलिए कभी भी पुलिस और साइबर एक्सपर्ट एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, ईमेल आईडी को संभाल कर रखने को कहते हैं. लोग अपने मोबाइल में कई तरह के नीजी डाटा जैसे फोटो, वीडियो, फोन नंबर रखते हैं. इसी बीच व्हाट्सएप में आए लिंक पर क्लिक कर देते हैं. हैकर्स डेटा चुरा लेता है. हैकर्स डेटा का इस्तेमाल अपराध के लिए कर लेते हैं.

ईमेल ID कहीं अकाउंट न कर द खाली !

डाक्यूमेंट्स को डार्क वेब पर बेचा जाता है

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि आप के जितने भी तरह के डाक्यूमेंट्स हैं. आधार कार्ड, आईडी कार्ड, वोटर्स कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 10th, 12th की मार्कशीट को हकर्स चुरा लेते हैं. हैकर्स साइबर अपराध के लिए उपयोग करते हैं. डाक्यूमेंट्स को डार्क वेब पर बेचते हैं. हैकर्स को डाक्यूमेंट्स के बदले मोटा अमाउंट मिलता है. डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग करके कई बार लोग फर्जी वीजा, फर्जी बैंक अकाउंट ओपन करा लेते हैं. डाक्यूमेंट्स को काफी संभाल कर रखना चाहिए.

साइबर चोर क्लोनिंग के साथ ATM में करते हैं हिडन कैमरा इंस्टॉल

डेबिट कार्ड के डेटा विजिबल रहते हैं. सीवीवी नंबर रहता है. बहुत ही कम ऐसे लोग हैं, जो अपना सीवीवी नंबर हाइड करते हैं. CVV नंबर को छुपाकर रखें. हैकर्स बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग कर लेते हैं. एटीएम कार्ड का इस्तेमाल सावधानी से करें. एटीएम कार्ड के कैश निकालते वक्त क्लोनिंग का ध्यान रखें. क्लोनिंग डिवाइस लगाई जाती है. वहां हिडन कैमरा भी इंस्टॉल किए जाते हैं. पिन देखकर रकम पार कर दी जाती है.

तीन साल के आपराधिक आंकड़ें

वर्ष ऑनलाइन पीड़ित रिफंड रकम
2018 348 124 18,71,146
2019 548 155 38,00,836
2020 660 129 22,25,939

एटीएम कार्ड फ्रॉड

  • खाली ATM को चुनते हैं ठग
  • एटीएम इस्तेमाल न करने वालों को बनाते हैं शिकार
  • सहायता करने के नाम से एटीएम की क्लोनिंग
  • क्लोनिंग के बाद एटीएम कार्ड से निकाल लेते हैं रकम
  • फर्जी लिंक भेज कर लोगों से ठगी
  • लिंक पर क्लिक करने का देते हैं झांसा
  • लिंक क्लिक करने से ठगों के पास चला जाता हैं बैंक डिटेल
  • बैंक डिटेल मिलते ही अकाउंट हो जाता है खाली

ऑनलाइन ठगी से किस तरह बचें

  • अपने कार्ड के पीछे लिखे गए सीवीवी नंबर को याद रखें.
  • अपने कार्ड के पीछे लिखे नंबर को किसी को न दें.
  • अकाउंट हैक होने पर तुरंत करें अकाउंट ब्लॉक
  • हमेशा ऑनलाइन शॉपिंग ऑथराइज्ड वेबसाइट से करें.
  • पेमेंट करते वक्त ओटीपी और सीवीवी नंबर शेयर न करें.
Last Updated : Jan 4, 2021, 2:40 PM IST

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