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छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव के बाद कितनी बदलेगी बीजेपी की रणनीति - Chief Minister Bhupesh Baghel

छत्तीसगढ़ में बीजेपी (chhattisgarh bjp ) ने आदिवासी चेहरे को किनारे रखकर प्रदेश की कमान पिछड़ा वर्ग से आने वाले सांसद अरुण साव को दी है. लेकिन इसी के साथ ही ये सवाल अब उठने लगे हैं कि इस बदलाव का कितना असर भविष्य में देखा जाएगा.

How much will BJP strategy change after major changes in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव के बाद कितनी बदलेगी बीजेपी की रणनीति

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Published : Aug 10, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 9:25 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ (chhattisgarh news ) में भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. 2023 विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. आगामी चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने प्रथम कड़ी के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अरुण साव के रूप में की (chhattisgarh BJP State President Arun Sao) हैं. आगामी दिनों में नेता प्रतिपक्ष और कुछ जिलों के प्रभारियों की भी नियुक्ति होने की अटकलें है. प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नए चेहरे के नियुक्ति से प्रदेश का समीकरण किस तरह बदलता है.आदिवासी नेता को हटाकर ओबीसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से भाजपा को कितना लाभ मिलेगा. इसे लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव से बात की.

छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव के बाद कितनी बदलेगी बीजेपी की रणनीति

पार्टी को मजबूती देने की बात :बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव( chhattisgarh arun sao ) ने बताया कि " भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रदेश की बड़ी जिम्मेदारी दी है. पार्टी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है , मुझ पर भरोसा जताया है. उसे मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पूरा करूंगा. प्रदेश के बूथ स्तर के कार्यकर्ता , मंडल अध्यक्ष से लेकर मोर्चा प्रकोष्ठ सबके साथ मिलकर 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए जन घोषणापत्र में जितने वादे किए थे. अब तक उनमें से एक भी पूरा नहीं कर पाया है. इन सभी मुद्दों को लेकर हम सड़क से सदन तक लड़ाई रहेंगे. 2023 विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी.

कांग्रेस को हटाने की पूरी तैयारी :भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया " छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त हो चुकी है.कांग्रेस के नेता भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हैं यह उनके मुंह से शोभा नहीं देता. भाजपा ने हमेशा आदिवासियों को ध्यान में रखते हुए ही काम किया है. दरअसल बात तो यह है कि राज्य की जनता कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है. प्रदेश की जनता 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है.

बीजेपी को बदलाव का कितना होगा फायदा :वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया " भाजपा ने प्रदेश में मजबूती के साथ उभरने के लिए रणनीति बनाते हुए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की है. आगामी दिनों में और नई नियुक्ति होने की संभावना है. जिस तरह भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) छत्तीसगढ़ियावाद को लेकर रणनीति के तहत प्रदेश में काम कर रहे हैं. एक कुर्मी मुख्यमंत्री के खिलाफ साहू वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना एक अच्छी रणनीति है. प्रदेश का साहू वर्ग छत्तीसगढ़ में एक मजबूत वर्ग है. साहू वर्ग को साधने के लिए इस वर्ग के सांसद को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. भाजपा के कार्यकर्ता पार्टी में बदलाव और नए चेहरे चाहते हैं. भाजपा के कार्यकर्ता पिछले 15 सालों में वही चेहरे वह देख रहे हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप , उपेक्षा का आरोप और तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं. इसी वजह से भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता निराश हो गए थे. कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने के लिए भाजपा संगठन बदलाव का अभियान चला रही है. इसके प्रथम कड़ी के तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हम देख रहे हैं इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के लिए नई चेहरे की नियुक्ति होने की अटकलें हैं. इसके अलावा कुछ जिलों में भी फेरबदल हो सकते हैं.


आदिवासियों को कैसे मनाएगी बीजेपी :वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया कि " आदिवासी दिवस के दिन एक आदिवासी नेता जो केंद्रीय मंत्री रहे कई बार के सांसद रहे. उनको हटाए जाने से आदिवासी वर्ग में नाराजगी तो दिख रही है. अब इस नाराजगी के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए बीजेपी लगी हुई है. आदिवासी वर्ग बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका में रहते हैं. उस वर्ग को नाराज तो नहीं किया जा सकता. इसलिए उस वर्ग को साधने की कोशिश बीजेपी जरूर करेगी. खासकर छत्तीसगढ़ में जो पिछड़ा वर्ग है वह मैदानी इलाकों से लेकर सरगुजा तक है.



अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से प्रदेश का कैसा होगा समीकरण?वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया " भाजपा संगठनात्मक तौर पर छत्तीसगढ़ में मजबूत है.इसके पीछे RSS की लॉबी है.ये वर्ग अरुण साव को समर्थन कर सकता है. साहू समाज के लोग समर्थन कर सकते हैं. ताराचंद साहू के बाद पहली बार इस वर्ग को साधने की कोशिश चुनाव के माध्यम से की जाएगी. पिछले चुनावों में साहू समाज के कई लोग जीते हैं. लेकिन अब तक उन्हें मुखोटे के तौर पर रखा गया था. साहू समाज यह कोशिश करेगा कि एक मुखोटे के तौर पर उनका इस्तेमाल ना हो. उनके लोगों को सम्मान और पद मिले. तभी साहू समाज के लोगों से जुड़ेंगे और भाजपा को एक बड़ा जन समर्थन मिलेगा.

Last Updated : Aug 10, 2022, 9:25 PM IST

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