रायपुर: छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि "हर महीने की 5 से 15 तारीख किसानों के लिए खास होती है, क्योंकि उनको गोधन न्याय योजना का पेंमेंट किया जाता है. बड़ी संख्या में अब प्रदेश के गौठान आत्मनिर्भर हो रहे हैं. स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने गौठानों की संचालन समिति अध्यक्ष और सदस्य को मानदेय देने का डिसीजन हुआ है."
215 करोड़ की राशि का किया वितरण:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि "गोधन न्याय योजना में अब तक कुल 215 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है. लगभग 419 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि गौ पालकों को, गोबर विक्रेताओं को, ईसीजी ग्रुप को, गौठान समितियों को ट्रांसफर की जा चुकी है."
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प्राकृतिक पेंट और गौमूत्र में मिल रहा लाभ: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "प्राकृतिक पेंट भी अब 41 हजार लीटर से अधिक हम निर्माण कर चुके हैं. उसमें से 26 हजार लीटर प्राकृतिक पेंट बेचा जा चुका है. गौमूत्र का भी उसी प्रकार से खरीदी और बेचा जा चुका है. जिसमें 32 लाख का लाभ हमारे इसीजी ग्रुप को हुआ है.'' गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गौठानों में 1 लाख 49 हजार 681 लीटर गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है. साथ ही खरीदे गए गौमूत्र से बने कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री की गई है. जिससे 32.27 लाख रूपये की आमदनी इस योजना के हितग्राहकों को हुई है.
गोबर से बिजली बनाने से हो रही कमाई: सीएम बघेल ने कहा कि "अब गोबर से कई उत्पाद बनाने के साथ बिजली बनाने का काम भी शुरू हो गया है. जगदलपुर के डोमरपाल में बिजली उत्पादन का काम गोबर से किया जा रहा है. गोबर से बिजली उत्पादन करने वाले के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज कर चुके हैं. वहां हर दिन 20 यूनिट बिजली उत्पादन कर रहे हैं. इस बिजली की दर 9 रूपए हर यूनिट तय किया है. इसका मतलब 20 यूनिट का 180 रूपया बिजली का अतिरिक्त मिलेगा."
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि " इस प्रकार से बिजली उत्पादन के साथ जो भी वर्मी कम्पोस्ट तो बनेगा ही, ये अतिरिक्त कमाई होगा. ये अतिरिक्त राशि प्राकृतिक पेंट से भी और बिजली उत्पादन से, तो एक नया आयाम जुड़ा है और जिसका लाभ हमारे हितग्राहियों को होगा और जो इसीजी ग्रुप है गौठान समिति, उसको होगा."