रायपुर: देश का ऐसा कोई कोना नहीं बचा होगा, जहां कोरोना वायरस ने अपने पैर नहीं पसारे होंगे. भले ही सरकार ने अनलॉक की घोषणा कर दी है, लेकिन लोगों में अब भी कोरोना का डर बरकरार है. हालात ये हैं कि अब सभी को अपनी सुरक्षा और बचाव खुद करनी होगी. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हर क्षेत्र कोरोना की मार झेल रहा है और लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं. इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिनकी इनकम का जरिया मकान का किराया हुआ करता था.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किराए के मकानों की बात करें, तो इस पर भी कोरोना संकट के नियंत्रण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन का असर पड़ा है. अनलॉक के बाद भी किराए के मकान सूने ही पड़े हैं. घर मालिकों को अब किराएदारों की जरूरत सता रही है, क्योंकि मकान किराए से देने पर महीने का कुछ खर्च तो किराएदारों से ही निकल जाता था. कोरोना काल ने वो भी छीन लिया.
किराएदारों की राह ताक रहे मकान मालिक
कोरोना का डर लोगों में इतना है कि अब किराए का घर खोजने के लिए न लोग आ रहे हैं और न ही सूने मकानों की कोई पूछ-परख है. वहीं कई मकान मालिक इस डर में भी हैं कि पता नहीं कौन व्यक्ति कहा से आया हो और कहीं वह संक्रमित न हो. हाउस एडवाइजर के रूप में काम करने वाले लोगों का मानना है कि राजधानी रायपुर में छोटे-बड़े मकान और फ्लैट मिलाकर लगभग 10 हजार मकान आज की तारीख में खाली पड़े हुए हैं. मकानों में लंबे समय से ताले लगे हुए हैं, जिससे यहां धूल की परतें भी जम गई हैं.
कोरोना के डर ने सूना किया मकान