छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बजट स्पेशल: बघेल के बही खाते से किसानों को कितनी उम्मीदें ?

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है. 1 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में छत्तीसगढ़ का बजट पेश करेंगे. भूपेश सरकार के एजेंडे में किसानों के मुद्दे हमेशा से रहे हैं.ऐसे में बजट से कृषि सेक्टर से जुड़े लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है.

By

Published : Feb 23, 2021, 8:37 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 10:45 PM IST

hopes-of-the-agriculture-sector-from-budget-of-chhattisgarh
बजट से उम्मीदें

रायपुर:छत्तीसगढ़ में बजट सत्र की शुरुआत होने के साथ ही अब बजट की तैयारियां भी अंतिम चरण में है. 1 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सदन में छत्तीसगढ़ का बजट पेश करेंगे. सीएम भूपेश बघेल खुद किसान परिवार से आते हैं. पहले बजट में भी उन्होंने प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए जाने के लिए कई घोषणा की थी. तमाम मंचों में भी उन्होंने खुलकर कहा है कि किसानों की खुशहाली छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार का पहला संकल्प है. ऐसे में पेश होने वाले बजट से कृषि सेक्टर के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है.

बघेल के बही खाते से किसानों को कितनी उम्मीदें ?

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भूपेश बघेल ने नरवा,गरवा,घुरवा और बारी योजना के जरिए कृषि क्षेत्र में काम शुरू किया. बीते साल 2020-21 के बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में कहा था कि इस बजट से किसानों के साथ-साथ सभी वर्गों का भी सर्वांगीण विकास होगा.

बजट से उम्मीदें: हेल्थ सेक्टर में सुविधाएं और जॉब बढ़ाने की जरूरत

राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने के साथ ही इस योजना के लिए 5000 करोड़ का प्रावधान रखा गया. कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5hp तक के कृषि पंपों को निशुल्क बिजली देने के लिए 2 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान भी शामिल किया गया. साथ ही गौठानों के संचालन के लिए गौठान समितियों को भी प्रति महीने 10,000 का अनुदान और पशुओं के चारे के लिए फंड भी दिए जाने का ऐलान किया गया था. इसके साथ ही पशुधन को संरक्षित करने के लिए भी सरकार ने काम किए हैं.

किसानों को फसल बीमा योजना की उम्मीद

छत्तीसगढ़ में धान की खेती मुख्य रूप से की जाती है. धान की खेती के लिए ज्यादातर किसान बारिश पर निर्भर हैं. ऐसे में इन किसानों को राज्य सरकार से बीमा योजना की उम्मीद है. सरकार भी इस बजट में किसानों के लिए बीमा से जुड़ी योजना का ऐलान कर सकती है. ताकि उनके फसलों के नुकसान की भरपाई हो सके.

अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से जानिए 2021-22 के बजट से क्या हैं लोगों की उम्मीदें ?

किसान कर रहे फसलों के सही दाम की मांग

किसानों के सामने उनके खून पसीने की मेहनत उनकी फसल होती है. दिन रात खेतों में पसीना बहाने के बाद भी किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम नहीं मिल पाता है. यही किसानों की सबसे बड़ी पीड़ा है. छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के संरक्षक जागेश्वर प्रसाद कहते हैं कि, किसानों को उनकी फसल का मिनिमम सपोर्ट प्राइस भी कानून बना कर दिया जाना चाहिए. केंद्र की सरकार हो या राज्य सरकार किसानों का सहयोग करना उद्देश्य होना चाहिए. जिस तरह से एक केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में देश भर के किसान आंदोलित है. अब किसानों को राज्य सरकारों से ही उम्मीद लग रही है.

किसानों को किस्तों के बजाय एक मुश्त हो भुगतान

किसानों ने बजट को लेकर काफी उम्मीदें सरकार से लगाई है. किसानों का कहना है कि धान का समर्थन मूल्य उन्हें किस्तों में देने की बजाय एक साथ दिया जाए. क्योंकि वह फसल के उत्पादन के लिए खेत तैयार करने से लेकर खाद बीज के लिए रुपये बाजार से उधार लेकर काम करते हैं. ऐसे में समय में पैसा वापस नहीं मिल पाने से उन्हें बाजार में ब्याज देना होता है. फसल के दाम किस्तों में मिलने से लागत मूल्य भी निकल पाना मुश्किल होता है.

नए कृषि कॉलेजों को विकसित करने पर होगा फोकस ?

प्रदेश में आगामी बजट में जिस तरह से खेती किसानी को लेकर काम किए जा रहे हैं. इससे कृषि विश्वविद्यालयों और डेयरी संस्थानों को डेवेलप किए जाने के लिए प्रस्ताव लाया जा सकता है. बीते बजट में भी खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, बेमेतरा और तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रावधान रखा गया था. इसके बाद 5 जिलों पर कृषि महाविद्यालय स्थापना के लिए भी प्रावधान किए गए. बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में कृषि संभावनाओं को लेकर नए कॉलेजों पर फोकस किया जा सकता है.

बघेल का बहीखाता: इशारों में सरकार की 'जेब' का हाल बता गए सिंहदेव

लघु सिंचाई परियोजनाओं की मिल सकती है सौगात

छत्तीसगढ़ में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए कई तरह के प्रावधान लाए जा सकते हैं. नाबार्ड से सहायता प्राप्त सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार किया जा सकता है. महानदी परियोजना के विस्तार के साथ लघु सिंचाई परियोजनाओं और एनीकट स्टॉप डैम निर्माण की घोषणा की जा सकती है. जिसमें पैरी-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना जैसी कई योजनाएं शामिल की जा सकती है.

बोधघाट परियोजना को लेकर हो सकते हैं अहम फैसले

इसके अलावा बोधघाट परियोजना के लिए भी दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य राज्य सरकार रख सकती है. आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र में सुविधा बढ़ाने को लेकर यह प्रोजेक्ट काफी अहम बताया जा रहा है.

Last Updated : Feb 23, 2021, 10:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details