रायपुर: रंगों के महापर्व होली पर इन तमाम विषयों को लेकर के ईटीवी भारत ने ज्योतिष शास्त्री पंडित विनीत शर्मा से खास बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिरकार होलिका दहन के दौरान की गई गलतियों से कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सवाल: होलिका दहन के दौरान क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए, इससे क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है?
जवाब: होलिका दहन के समय सबसे ज्यादा सावधानी रखनी है कि गर्भवती जो महिलाएं हैं, जिनके गर्भ में शिशु पल रहा है. ऐसी महिलाओं को होलिका का पूजन वर्जित किया है. शास्त्र ने यहां पर कोई भी अनिष्ट होने की आशंका बताई है. इसके साथ ही जो नवजात शिशु है, जिनका जन्म अभी-अभी हुआ है. ऐसे नवजात शिशु को लेकर के भी होलिका दहन के पूजन में माताओं को आना वर्जित माना गया है. जिन्होंने अभी-अभी अपने शिशु को जन्म दिया है, उसके पीछे यह तर्क है कि कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है.
नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए: इसके साथ ही साथ जो नहीं करने वाली जो चीजें हैं, वह यह है कि इस दिन किसी भी तरह का नशा या नशीले पदार्थों का सेवन नहीं होना चाहिए. होलिका दहन के दिन ऐसे जातक, जो मनोरोगी हैं, मानसिक तौर पर कमजोर है या मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा सक्रिय हैं. ऐसे लोगों को भी होलिका दहन के आसपास हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. क्योंकि पूर्णिमा काल का प्रभाव होने के कारण इंडेनसिटी बहुत हाईएस्ट डिग्री पर रहती है. ऐसे व्यक्ति का मानसिक संतुलन डगमगा सकता है. इस तरह के लोगों को दूर रहना चाहिए.
शनि और चंद्रमा की युक्ति हो, तो बना लें दूरी: इसके साथ ही खासकर जिनका जन्म अमावस्या को हुआ हो, पूर्णिमा काल को हुआ हो और कुछ हद तक जिनकी कुंडली में विष दोष बन रहा हो, यानी शनि और चंद्रमा की युक्ति हो. ऐसे जातकों को भी होलिका दहन के समय उस पूजन से दूरी बना कर रखना चाहिए. यदि यह लोग शामिल भी होना चाहते हैं, तो वह होलिका दहन के स्थल से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर रहें, ताकि किसी भी किस्म की मानसिक असंतुलन की गतिविधि होने पर उन्हें संभाला जा सके.
वस्त्रों का चुनाव उपयुक्त ढंग से हो: इसके अलावा भी यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि वस्त्रों का चुनाव उपयुक्त ढंग से होना चाहिए. बहुत ही खुले और बहुत ही हवादार और बहुत ही भड़कीले वस्त्रों का धारण नहीं करना चाहिए. होलिका के समय में इस बात का भी बहुत अधिक ध्यान रखें कि जिनका दांपत्य जीवन अभी-अभी शुरू हुआ है. वह होलिका दहन के नियम का पालन करें.
आपके संबंध जिनसे मधुर नहीं, उनसे बनाएं दूरी: इसके साथ ही साथ जिन लोगों से आपके संबंध मधुर नहीं है. यानी जिनसे आपकी फ्रीक्वेंसी मैच नहीं करती है, जिनसे आपका मेल मैच नहीं करता, जिनसे हो सकता है कि आपको शत्रुता के भाव हो सकते हैं. ऐसे जातकों को भी आपस में नजदीक से नहीं रहना चाहिए. उन्हें दूर दूर से होलिका दहन के पर्व का आनंद लेना चाहिए.
मिट्टी तेल का उपयोग इस होलिका में न करें: इसके अलावा होलिका दहन के समय अधिक सावधानी बरतें. मिट्टी तेल का उपयोग इस होलिका में नहीं होना चाहिए. होलिका एक हवन है. एक यज्ञ की परंपरा है. इस समय चूंकि ऋतु परिवर्तन का समय होता है. नई फसलों के आगमन का समय होता है. तो इस होलिका दहन में याद रखें कि किसी भी रूप में मिट्टी तेल का प्रयोग पूरी तरह से नेगेटिव एनर्जी को जनरेट करता है. इसलिए इसका इस्तेमाल न करें.