रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट 7 साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की तैयारी कर ही है. इसके लिए गुरुवार को हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और कार्यकारी अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जेल में बंद कैदियों के मामलों पर विचार कर निर्णय लिया गया है.
कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की तैयारी इस बैठक में 7 वर्षों से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर जमानत देने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश के जिन जिलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या है. वहां से बंदियों को अन्य जिलों में जहां जगह उपलब्ध है. स्थानांतरित करने के संबंध में अतिरिक्त महानिदेशक जेल विचार करने को कहा गया है.
जेलों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश
साथ ही इस बैठक में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेल प्रशासन को आइसोलेशन वार्ड बनाने को कहा गया है. साथ ही नए बंदियों की स्क्रीनिंग, मेडिकल सहायता, जेल स्टाफ की स्क्रीनिंग, जेल परिसर को सेनिटाइज करने समेत कई फैसले लिए गए. वहीं जेल प्रवेश के समय डिजिटल थर्मामीटर के उपयोग संबंधी उपाय सुनिश्चित करने को कहा गया है.
सरकार के तरफ से कई अधिकारी मौजूद रहे
बैठक में हाईकोर्ट ने अरुणेश कुमार (2014 ) में बिहार मामले में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी को कहा गया. साथ ही जेलों में कैदियों की समस्या के संबंध में गठित जिला अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की बैठक प्रति सप्ताह आयोजित करने को कहा गया है. बैठक में बैठक में सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, एनके चंद्रवंशी प्रमुख सचिव विधि विभाग, अतिरिक्त महानिदेशक जेल संजय पिल्ले, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल बैठक में उपस्थित रहे.