छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Herbal Gulal for Holi: हर्बल गुलाल की बढ़ी डिमांड, स्किन को नहीं होगा इस्से कोई नुकसान

महासमुंद में होली के लिए हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने में फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ताकि इसका स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े. स्व सहायता समूह की महिलाएं इस गुलाल को बना रही हैं.

Herbal Gulal for Holi
होली के लिए हर्बल गुलाल बना रही महिलाएं

By

Published : Feb 20, 2023, 1:12 PM IST

रायपुर:महासमुंद के बिहान समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं. इस गुलाल का स्किन पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा. इन हर्बल गुलाल और रंगों की कई विशेषताएं हैं. जैसे इनहें बनाने के लिए फूलों के एक्सट्रैक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन गुलाल और रंगों को टोटल केमिकल फ्री रखा गया है. इनहें बनाने में किसी भी तरह के केमिकल की इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इसी वजह से इन गुलाल और रंगों की डिमांड ज़िले के साथ ही आसपास के ज़िलो में से भी आ रही है.

रहती है अच्छी डिमांड:महासमुंद के ग्राम पंचायत डोगरपाली की जय माता दी समूह की महिलायें हर्बल गुलाल और रंग बना रही हैं. समूह की अम्बिका साहू ने बताया कि "बाते साल होली में 50 किलो हर्बल गुलाल हमने बनाया था. जिसकी डिमांग बहुत ज्यादा थी. 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपए के हर्बल गुलाल के पैकेट हमने बनाए थे. इस साल हमने और ज्यादा हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा है. पालक भाजी, लाल भाजी, हल्दी जड़ी, बुटी और फूलों से यह हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिरों में फूलों के बाजार से निकलने वाले फूलों की भी इस्तेमाल किया जा रहा है."

यह भी पड़ें: Amrapali Dubey in CCL 2023: आम्रपाली दुबे की अदाओं का हर कोई हुआ कायल, भोजपुरी दबंग को चीयर करती आईं नजर

पालक, चुकंदर का होता है इस्तेमाल:समुह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि "एक किलो हर्बल गुलाल बनाने में हमारा 150 रुपये का खर्चा हो रहा है. गुलाल बनाने के लिए हम पालक, चुकंदर, सिंदूर आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस हर्बल गुलाल को उपयोग करने से किसी भी तरह से स्किन को नुकसान नहीं पहुंचेगा. यही कारण है कि लोग भी हर्बल गुलाल के लिए रुचि दिखा रहे हैं."

ABOUT THE AUTHOR

...view details