रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चार नए जिले की घोषणा की थी. लेकिन इस घोषणा से सतनामी समाज खुश नहीं है. सतनामी समाज का आरोप है कि भूपेश सरकार ने वर्षों पुरानी मांग को अनसुना कर दिया है. सतनामी समाज की मांग है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से अलग जिला बनाया जाए. लेकिन सरकार ने बिलाईगढ़ को सारंगढ़ में शामिल कर संयुक्त जिला बनाने का ऐलान कर दिया है. जिससे न सिर्फ लाखों अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि समाज के लोगों की उपेक्षा भी की है.
यह बात मंगलवार को अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सांसद रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने रायपुर स्थित आवास में पत्रकारों से कही.
चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत
संविधान सभा के सदस्य और प्रथम लोकसभा के सदस्य रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग कि जिस तरह से सारंगढ़ की मांग को मांग पूरा किया. उससे मैं बेहद खुश हूं. सारंगढ़ जिले के रूप में अविभाजित मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार के दौरान ही अस्तित्व में आ जाता, लेकिन किसी कारण से यह नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की वर्षों से मांग रही है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से जिला बनना चाहिए और गिरोधपुरी को जिला मुख्यालय बनाया जाए.