रायपुर:छत्तीसगढ़ में लगातार हार्ट संबंधी मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही (Heart problem is increasing among youth of Chhattisgarh ) है. पिछले 10 सालों में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें करीब 75 फीसदी तक बढ़ गई है. बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी अब हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल के करीब है. युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ने के कई कारण हैं. जिसमें खराब खानपान, तनाव, आलसपन, धूम्रपान जैसी आदतों के कारण हार्ट की समस्या बढ़ रही है. हार्ट संबंधी बीमारी के टेस्ट करने के लिए कई सारे टेस्ट्स उपलब्ध हैं. यह किस तरीके के टेस्ट हैं और किस तरह से टेस्ट किए जाते हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत ने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
प्रदेश में बढ़ रहे हार्ट के मरीज:कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया, " बड़े दुख का विषय है कि अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि 30 से 40 वर्ष के युवा में भी हार्ट रिलेटेड समस्याएं देखने को मिल रही है. इस आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामले भी पिछले कुछ सालों में बढ़े हैं. 30 से 40 आयु वर्ग में भी अधिक हार्ट अटैक के मामले को कोरोना से जोड़ कर देखा जा रहा है. हालांकि बदलती लाइफ स्टाइल के कारण इस एज ग्रुप में हार्ट के मरीज बढ़े हैं. महिलाओं में गुडाकू, तंबाकू के सेवन और पुरुषों में गुटका, स्मोकिंग के कारण ही युवाओं में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं."
बुजुर्गों और युवाओं में किस तरह के मिलते हैं हार्ट के मरीज: डॉ स्मित श्रीवास्तव ने बताया, " हार्ट के नसों में ब्लॉकेज हाल के दिनों में काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. हार्ट में प्रमुखत: तीन नसें होती है, जो पूरे शरीर के नसों को जोड़ते हुए रक्त का प्रवाह उनमें करती हैं. हार्ट में नस ब्लॉकेज की 2 तरह की समस्या देखने को मिलती है."
बुजुर्गों में हार्ट ब्लॉकेज के समस्या एक वार्निंग:आयु के साथ हार्ट ब्लॉकेज बढ़ते रहना, यह बुजुर्गों में देखने को मिलती है. इसको ग्रैजुएल ब्लॉकेज बोलते हैं. इस तरीके का ब्लॉकेज पहले हार्ट में तेज दर्द या घबराहट के रूप में वार्निंग साइंस देता है, जिससे उन्हें पता चल जाता है कि उनको हार्ट की बीमारी हो रही है.